flat buyers protest in noida: “गली-गली में शोर है-सुपरटेक चोर है” के नारों के साथ प्रदर्शन, खून के आंसू रोने को मजबूर बायर्स
flat buyers protest in noida: ग्रेटर नोएडा वेस्ट में दसवें हफ्ते फ्लैट खरीदारों ने जोरदार प्रदर्शन किया. घर खरीदारों की संस्था नेफोवा के नेतृत्व में रविवार की सुबह कार और बाइक रैली निकाली गई. फ्लैट खरीदारों ने यूपी सरकार, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण, पुलिस और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है. इस रैली में करीब 300 वाहन शामिल हुए और 500 से ज्यादा फ्लैट खरीदारों ने हिस्सा लिया है. इस दौरान ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सड़कों पर कई किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया. ट्रैफिक पुलिस को हालात संभालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है. फ्लैट खरीदारों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई, लेकिन खरीदारों ने प्रदर्शन रोकने से साफ इनकार कर दिया. इसके अलावा नोएडा के सेक्टर-96 सुपरटेक ऑफिस में भी बायर्स ने बिल्डर के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. “गली-गली में शोर है-सुपरटेक चोर है” के नारे भी लगाए.
नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि पूरी दुनिया के किसी कोने में घर हासिल करने के लिए आम आदमी को इतना संघर्ष नहीं करना पड़ता है, जितना यहां करना पड़ रहा है. हम लोग पिछले 14 सालों से अपना घर हासिल करने के लिए लड़ रहे हैं. आज भी करीब एक लाख फ्लैट खरीददार नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बिल्डर से अपना घर लेने के लिए लड़ रहे हैं. मजबूर होकर सड़कों पर उतरना पड़ रहा है. पिछले 15 सालों में उत्तर प्रदेश में तीन सरकार चली गईं और चौथी का एक साल बीतने को है. इनमें बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और भाजपा की सरकार शामिल हैं. हमें तीनों ही राजनीतिक दलों की सरकारों में कोई फर्क नजर नहीं आया. पहले वाले भी झूठ बोल रहे थे और यह भी केवल झूठ बोल रहे हैं.
फ्लैट खरीदारों ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट में करीब 20 किलोमीटर लंबी कार-बाइक रैली निकाली है. रविवार सुबह 9:00 बजे से घर खरीदार एक मूर्ति गोल चक्कर पर इक्ठा होने शुरू हुए. यहां से 10:30 बजे रैली की शक्ल में निकले. यह लोग एक मूर्ति से टेकजोन-4, स्टेलर सोसायटी, ऐस सिटी, राइज सोसायटी, एपेक्स सोसायटी और चार मूर्ति होते हुए वापस एक मूर्ति गोल चक्कर पर पहुंचे. इस दौरान ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सड़कों पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया. कारों पर फ्लैट खरीदारों ने बैनर लगाए. बाइक पर सवार खरीदार हाथों में तख्ती लेकर निकले. इन लोगों ने सरकार, प्राधिकरण और बिल्डरों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ट्रैफिक पुलिस भी रैली के साथ रही. यह जुलूस करीब 1:30 बजे वापस एक मूर्ति गोल चक्कर पर पहुंचा. वहां घर खरीदारों ने एक जनसभा की. आंदोलन को लगातार जारी रखने का फैसला लिया है. दोपहर करीब 2:00 बजे सभी फ्लैट खरीदा वापस लौट गए. अब अगले रविवार फिर एक मूर्ति गोल चक्कर पर प्रदर्शन होगा.
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लोगों का कहना है कि हम लोकतांत्रिक देश में रहते हैं और कानून का राज चलता है, लेकिन क्या नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कानून का राज है? अगर कानून का राज है तो बिल्डरों पर यह कानून लागू क्यों नहीं होता है? बिल्डर तानाशाह है और सरकार उनके सामने मजबूर हैं. अफसर और नेता तो बिल्डरों की कठपुतली बनकर नाच रहे हैं. हम लोग 15 सालों से सड़कों पर लगातार आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार, प्रशासन और प्राधिकरण को नजर नहीं आ रहे हैं. इससे ज्यादा अलोकतांत्रिक व्यवस्था कहां देखने के लिए मिलेगी?