Delhi High Court On monkeys: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- इलाका इंसानों के लिए तय होते हैं, बंदरों के लिए नहीं, आखिर ऐसा क्यों कहा
Delhi High Court On monkeys: राजधानी दिल्ली में बंदरों के आतंक से सभी काफी परेशान है. इसको लेकर अब दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बड़ी बात कह दी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी में बंदरों के आतंक को लेकर दायर याचिका में व्यक्तिगत रूप से याचिकाकर्ता से इस मुद्दे के संबंध में कुछ समाधान देने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की खंडपीठ बंदरों के काटने के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी होने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रही है.
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि नसबंदी प्रक्रिया बहुत कठिन है. यह बिल्कुल संभव नहीं है. समस्या अभी भी बनी हुई है. उन्होंने कहा एनडीएमसी वर्तमान याचिका का हिस्सा है, उन्होंने अब तक कोई रुख नहीं अपनाया है, कुछ निर्देश पारित करने होंगे. पीठ ने कहा कि कौन सी दिशाएं है, बंदर इन दिशाओं को नहीं समझते. कृपया हमें बताएं कि क्या करना है. केवल बंदरों की नसबंदी ही इसका समाधान है कुछ इलाकों को बंदरों के लिए चिह्नित किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि मंकी जोन बनाए जा सकते हैं. बंदरों को झुंड में पकड़ने की जरूरत है. यह गंभीर चिंता का विषय है. कोई व्यावहारिक समाधान सामने नहीं आ रहा है.
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मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि हम इंसानों के लिए एक इलाके को चिह्नित कर सकते हैं, लेकिन बंदरों के लिए ऐसा नहीं कर सकते. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से मुद्दे का समाधान पेश करने को कहा और मामले को आगे विचार के लिए 30 नवंबर के लिए स्थगित कर दिया.