बिहार : माले ने कड़े किए तेवर, उजियारपुर में प्रेस कॉन्फ्रेस कर हमला बोला
उजियारपुर भाकपा-माले जिला स्थायी कमेटी सदस्य फूलबाबू सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। उजियारपुर प्रखंड में पंचायत समिति की बैठक के दौरान मिडिया कर्मियों को बीपीआरओ के द्वारा रिपोर्ट संकलन करने से रोकने की घटना को लेकर कहा है कि यह लोकतंत्र को लाठीतंत्र में बदले जाने की सोची-समझी योजना का हिस्सा है । दरअसल, पंचायत समिति की बैठक के आयोजक प्रखंड प्रमुख होते हैं तो फिर प्रमुख के सचिव बीपीआरओ ने प्रमुख के बुलावे पर आये मिडिया कर्मियों को अपमानित कर दिया और उपस्थित जनप्रतिनिधि टुकुर-टुकुर देखते रह गए यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है । वैसे भी , कुछ चीजें उजियारपुर प्रखंड में चलन का रूप लेते जा रहा है । प्रखंड पंचायत समिति की बैठक के लिए माननीय सांसद, विधायक और विधानपरिषद् को सूचना भेजने की औपचारिकता पूरी की जा रही है । लेकिन, क्षेत्र में रहने वाले जिला पार्षदों को बैठक में भाग लेने से रोका जा रहा है ।
उन्होंने कहा है कि दुसरी घटना में निकसपुर के मुखिया गोपाल साह पर जानलेवा हमला करने वालों को उजियारपुर पुलिस बचाने में लगी है यही कारण है कि मुखिया सहित उनके अन्य सहयोगियों के खिलाफ भी अभियुक्त के पत्नी से कांउटर मुकदमा दर्ज किया है । अभी पिछले जनवरी महीने में ही उजियारपुर पुलिस ने गावपुर के शराब तश्करों के मेल से पंचायत के मुखिया के विरोधी सोनेलाल सिंह के पुत्र को शराब बेचने का प्रायोजित आरोपी बना कर जेल भेज दिया है । यह बात, हर कोई जानता है कि सोनेलाल सिंह के पुत्र को अभियुक्त बनाने के लिए शराब पुलिस वाले अपने गाड़ी पर ही लेकर आए थे फिर भी पुलिस के आलाधिकारियों ने पुलिस वाले को ही साथ देने का काम किया है ।
माले के प्रखंड सचिव महावीर पोद्दार ने कहा है कि पिछले 17 फरवरी को उजियारपुर थाना के हाजत में असम की लड़की द्वारा फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर लेने की दु:खुद घटना की उच्चस्तरीय जांच करवाने के लिए जिलाधिकारी को पहल करनी चाहिए । मृतक लड़की को उजियारपुर पुलिस ने 16 फरवरी को अपने कस्टडी में लिया था । ऐसा भी तो हो सकता है कि बीते रात पुलिस हाजत में उसके साथ कोई अनहोनी घटना को अंजाम दिया गया हो और उसके बाद फिर से कोई अनहोनी घटना-परिघटना के दौरान उसकी मौत हो गई होगी । भाकपा-माले असम की लड़की के उजियारपुर थाना में दु:खुद मौत पर अफसोस जाहिर करते हुए पूरे घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग करता है ।