Budget 2024: मोदी 3.0 के आम बजट पर रियल एस्टेट सेक्टर ने जताई खुशी, विकास कार्यों को मिलेगी रफ्तार
Budget 2024: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट संसद में पेश हो चुका है। इसको लेकर नोएडा के रियल एस्टेट सेक्टर ने काफी खुशी जताई की है। बिल्डरों का कहना है की अब विकास कार्यों में तेजी आएगी क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य सरकारों को स्टांप ड्यूटी कम करने का सुझाव दिया है।
क्या है पूरा मामला
बतादें, मोदी सरकार 3.0 के वर्ष 2024-25 के पहले आम बजट (Budget 2024) से नोएडा के रियल एस्टेट सेक्टर मे खुशी की लहर है। बिल्डरों का कहना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य सरकारों को स्टांप ड्यूटी कम करने का सुझाव दिया। इससे रियल एस्टेट सेक्टर का बाजार फिर से चमक उठेगा। पिछले कई सालों से रियल एस्टेट सेक्टर की हालत खस्ताहाल है। लेकिन मोदी सरकार के इस बजट से रियल एस्टेट को संजीवनी मिली है।
घर खरीदारों को होगा फायदा
वेव ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव गुप्ता का कहना है कि 2024-25 का बजट रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए बहुत उत्साहजनक है, जिसमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। राज्य सरकारों को स्टांप शुल्क कम करने का सुझाव, विशेष रूप से महिलाओं द्वारा खरीदी गई संपत्तियों के लिए, निस्संदेह बिक्री को बढ़ावा देगा। बजट स्थायी रियल एस्टेट विकास की नींव रखता है, शहरों को नए भारत के विकास केंद्रों के रूप में बढ़ावा देता है। इससे घर खरीदारों को फायदा होगा और वे घरों में निवेश के लिए प्रोत्साहित होंगे। इसका सीधा फायदा सेक्टर को होगा।
किफायती आवास के लिए महत्वपूर्ण कदम
क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौर ग्रुप के सीएमडी मनोज गौर के मुताबिक रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सबसे बड़ी घोषणा शहरी आवास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश है। यह देश में किफायती आवास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की जरूरतों को पूरा करेगा।
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शहरी आवास को प्राथमिकता
स्पेक्ट्रम मेट्रो के वाइस प्रेसिडेंट सेल्स एंड मार्केटिंग अजेंद्र सिंह का कहना है कि आम बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर, रोजगार, युवा कौशल, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और शहरी आवास को प्राथमिकता दी गई है। इसमें स्टांप ड्यूटी कम करने और टीओडी तथा औद्योगिक पार्क बनाने पर जोर दिया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 11.1 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिससे रोजगार और कौशल विकास के साथ-साथ वाणिज्यिक संपत्तियों के विकास को बढ़ावा मिलेगा।