Authority News: चेयरमैन मनोज सिंह पहुंचे अथॉरिटी, फ्लैट बायर्स को परेशान करने वाले बिल्डरों पर होगी कार्रवाई
Authority News: नोएडा और ग्रेटर नोएडा के फ्लैट बायर्स को परेशान करने वाले बिल्डरों पर जल्द ही एक्शन लिया जायेगा। इसी सिलसिले मे औद्योगिक विकास आयुक्त एवं प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज सिंह नोएडा पहुंचे थे। वहां पर उन्होंने घरों की रजिस्ट्री समेत कई मुद्दों पर अफसरों के साथ लम्बी बातचीत की।
क्या है पूरा मामला
बतादें, हाल ही में (Authority News) औद्योगिक विकास आयुक्त एवं प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज सिंह नोएडा पहुंचे। वहां पर उन्होंने तमाम मुद्दों पर अफसरों के साथ लम्बी बातचीत की है। बैठक में एक बार फिर घर खरीदारों के मुद्दे को उठाया गया। अब बकाए का भुगतान न करने वाले बिल्डरों पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। बकाया राशि के भुगतान में विफल रहने से फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री भी प्रभावित हो रही है। इस मुद्दे पर समीक्षा करने के लिए चेयरमैन मनोज सिंह नोएडा आए हैं।
बकायेदार बिल्डरों के खिलाफ होगी कार्रवाई
मिली जानकारी के मुताबिक समीक्षा बैठक में बकाया राशि का भुगतान न करने वाले बिल्डरों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की बात हुई हैं। यूपी सरकार ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर आधारित एक पैकेज को दिसंबर 2023 में मंजूरी दी थी। इस शासनादेश के तहत बिल्डरों को 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक का गैर-दंडात्मक कालखंड (जीरो पीरियड) प्रदान किया गया था।
57 परियोजनाओं के बिल्डरों को नोटिस भेजा गया
शासनादेश आने के बाद नोएडा प्राधिकरण के वित्त विभाग ने बिल्डरों के बकाए की गणना शुरू की थी। फरवरी में गणना का पूरा ब्योरा तैयार कर लिया गया था। सभी 57 परियोजनाओं के बिल्डरों को बकाये से संबंधित पत्र भेजे गए। उसके बाद 12 फरवरी तक सभी बिल्डरों को बकाये की जानकारी दे दी गई थी। शासनादेश के मुताबिक बकाये की जानकारी दिए जाने के 60 दिनों के भीतर बिल्डरों को कुल बकाये का 25 प्रतिशत जमा करना था।
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नोएडा प्राधिकरण को मिलेंगे 450 करोड़ रुपये
इस आधार पर 12 अप्रैल तक बिल्डरों को राशि जमा करनी थी, लेकिन 15 मई तक केवल 20 में से 44 बिल्डरों ने ही भुगतान किया है। इन 20 बिल्डरों ने 170 करोड़ 77 लाख रुपये जमा कराए हैं। इनसे आगे चलकर प्राधिकरण को लगभग 450 करोड़ रुपये मिलेंगे। अब तक राशि जमा करा चुके बिल्डरों की परियोजनाओं में 530 फ्लैटों की रजिस्ट्री हुई है, जबकि लगभग 1500 फ्लैटों की रजिस्ट्री की जानी है। ऐसे में बकाया राशि न चुकाने वाले बिल्डरों पर अब प्राधिकरण सख्त कार्रवाई करने जा रहा है।