जलभराव से निपटने के लिए 16 अधिकारियों की लगाई गई ड्यूटी, जानिए पूरा एक्शन प्लान
waterlogging problem in delhi: गुरुग्राम के उपायुक्त प्रिंस कुमार यादव ने गुरुवार को जलभराव की समस्या से निपटने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को कई निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अगर शहर में कहीं भी जलभराव होता है तो आधे घंटे का अंदर उसका समाधान किया जाए. इसी के साथ उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने मानसून में जिला में जलभराव की स्थिति से निपटने को लेकर क्षेत्रवार 16 वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है. इन अधिकारियों को जलभराव की पूर्व की घटनाओं के आधार पर आवंटित क्षेत्रों को विजिट करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अधिकारी जिला में जलभराव वाले चिन्हित 112 स्थानों पर स्वयं जाकर जल निकासी के इंतजाम देखें और इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत उनके पास भेजें. इस मामले में शुरू से ही सचेत रहें और की गई कार्रवाई से उन्हें अपडेट करते रहें.
लघु सचिवालय स्थित सभागार में गुरुवार को जलभराव की स्थिति से निपटने को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जलभराव वाले ऐसे 112 स्थानों को चिन्हित किया गया है. जहां पर पिछले सालों से जलभराव हो रहा है. ऐसे में जरूरी है कि इन स्थानों पर समय रहते आवश्यक इंतजाम किए जाएं. उन्होंने कहा कि इन चिन्हित 112 स्थानों पर 16 वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. प्रत्येक अधिकारी को 6-7 स्थान दिए गए है जहां पर जलभराव ज्यादा होने की संभावना रहती है. बरसात होने पर सभी अधिकारी फील्ड में रहेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उनके क्षेत्र में जलभराव ना हो. यदि कहीं किसी कारण पानी भर भी जाए तो उसकी निकासी के प्रबंध ऐसे हों कि निकासी जल्द हो.
उपायुक्त ने कहा कि अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र में साइट विजिट करते हुए सुनिश्चित करें कि पंप सैट चालु हालत में हों, उनको चलाने के लिए कर्मचारी निर्धारित हो, फ़्यूअल की उपलब्धता हो. बरसात जैसे ही बंद हो, अधिकारी का यह प्रयास होना चाहिए कि बरसाती पानी की निकासी आधे से एक घंटे के अंदर हो जाए. इसके लिए उन्हें वहां पर जो भी इंतजाम करने है. उन्होंने कहा कि शुरू से ही अलर्ट रहें और कोशिश करें कि कहीं जलभराव ना हो. संभवत 3 दिनों में मानसून पूरी तरह से आ जाएगा, ऐसे में जरूरी है कि पहले से तैयारी कर ली जाए.
डीसी श्री यादव ने जिला में कार्यरत कॉरपोरेट्स से भी अपील करते हुए कहा कि भारी बरसात के पुर्वानुमान होने पर वे अपने यहां कार्यरत स्टॉफ को वर्क फ्रॉम होम के लिए कहें ताकि सड़कों पर ट्रेफिक का दबाव कम हों और जल निकासी में किसी प्रकार की परेशानी ना आए. जिला में बरसात होने पर ट्रेफिक व्यवस्था सुचारू करने के लिए 300 सिविल डिफेंस के वालंटियरों की अलग से ड्यूटी लगाई जाएगी, जो शहर के मुख्य चौराहों पर यातायात सुचारू करने में ट्रेफिक पुलिस का सहयोग करेंगे.
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बैठक में उपायुक्त ने उपस्थित अधिकारियो को निर्देश देते हुए कहा कि बरसात होने पर जिला में बनाए गए नॉन मोटराइज़्ड ट्रांसपोर्ट (एनएमटी) बंद रखे जाएंगे, इसके लिए धारा 144 लागू के तहत आदेश जारी किए जाएंगे। अंडरपास में भी यदि एक लेवल से उपर पानी भर जाए तो उन्हें बेरिकेटिंग करवाकर बंद करवाना सुनिश्चित करें. इस दौरान लोग आवागमन के लिए वैकल्पिक रोड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं.
बैठक में बताया गया कि जिला में जलभराव संबंधी शिकायतों के लिए जिला प्रशासन द्वारा हैल्पलाइन नंबर-1800-180-1817 और 0124-4753555 जारी किया गया है. इन हैल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करके लोग जलभराव संबंधी शिकायते दर्ज करवा सकते हैं. इन पर प्राप्त होने वाली शिकायतों के समाधान के लिए दिन-रात आप्रेटरों की ड्यूटी लगाई गई है जो प्राप्त शिकायत को संबंधित अधिकारी के पास भेजेगा ताकि उसका तत्परता से समाधान किया जा सके.