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राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी पर दांव, ये महिला है NDA की राष्ट्रपति उम्मीदवार

Written By: गली न्यूज

Published On: Wednesday June 22, 2022

राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी पर दांव, ये महिला है NDA की राष्ट्रपति उम्मीदवार

Draupadi Murmu: राष्ट्रपति चुनाव के लिए भाजपा ने अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है. भाजपा ने आदिवासी महिला नेता को अपना उम्मीदवार बनाया है. द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) का नाम राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में एलान किया गया है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पत्रकार सम्मेलन में राष्ट्रपति उम्मीदवार की घोषणा की. उन्होंने कहा, ‘हमने एनडीए की तरफ से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मदीवार घोषित किया.’

राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए द्रौपदी मुर्मू के नाम की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुष्टि की. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी ने अपना जीवन समाज की सेवा और गरीबों, दलितों के साथ-साथ हाशिए के लोगों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित कर दिया है. उनके पास समृद्ध प्रशासनिक अनुभव है और उनका कार्यकाल उत्कृष्ट रहा है. मुझे विश्वास है कि वह हमारे देश की एक महान राष्ट्रपति होंगी.’

बता दें कि, 20 जून 1958 को ओडिशा में एक साधारण संथाल आदिवासी परिवार में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू ने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. वह 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर में जिला बोर्ड की पार्षद चुनी गई थीं. राजनीति में आने के पहले वह श्री अरविंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षक और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम कर चुकी है. वह ओडिशा में दो बार विधायक रह चुकी हैं और उन्हें नवीन पटनायक सरकार में मंत्री पद पर भी काम करने का मौका मिला था. उस समय बीजू जनता दल और बीजेपी के गठबंधन की सरकार थी. ओडिशा विधानसभा ने द्रौपदी मुर्मू को सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से भी नवाजा था.

18 मई 2015 को झारखंड की राज्यपाल के रूप में शपथ लेने के पहले द्रौपदी मुर्मू ओडिशा में दो बार विधायक और एक बार राज्यमंत्री के रूप में काम कर चुकी हैं. राज्यपाल के तौर पर पांच वर्ष का उनका कार्यकाल 18 मई 2020 को पूरा हो गया था, लेकिन कोरोना के कारण राष्ट्रपति द्वारा नई नियुक्ति नहीं किए जाने के कारण उनके कार्यकाल का स्वत: विस्तार हो गया था. अपने पूरे कार्यकाल में वह कभी विवादों में नहीं रहीं. झारखंड के जनजातीय मामलों, शिक्षा, कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर वह हमेशा सजग रहीं. कई मौकों पर उन्होंने राज्य सरकारों के निर्णयों में संवैधानिक गरिमा और शालीनता के साथ हस्तक्षेप किया. विश्वविद्यालयों की पदेन कुलाधिपति के रूप में उनके कार्यकाल में राज्य के कई विश्वविद्यालयों में कुलपति और प्रतिकुलपति के रिक्त पदों पर नियुक्ति हुई.
बता दें कि मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है. विपक्षी उम्मीदवार के रूप में सिन्हा के नाम की घोषणा के बाद अगले राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए 18 जुलाई को मतदान होना अब तय माना जा रहा है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया जारी है. 29 जून नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है.

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