मानसून के मौसम में हो सकते हैं डिहाइड्रेशन का शिकार, जानिए क्या है बचाव के उपाय
Diseases of monsoon season: देश के ज्यादातर राज्यों में बारिश ने दस्तक दे दी है. कहीं ज्यादा बारिश हो रही है तो कहीं कम बारिश हो रही है. अब बारिश की शुरुआत है तो उमस (Humidity) भी होगी, क्योंकि जैसे ही बारिश के थमने पर धूप निकलती है, तो उमस की वजह से लोगों का हाल-बेहाल हो जाता है.
डिहाइड्रेशन, सर्दी-खांसी, साइनस और माइग्रेन जैसी बीमारियां कैसे होती हैं?
डिहाइड्रेशन: डॉक्टर का कहना है कि जब बारिश होती है तो लोगों को लगता है कि मौसम ठंडा हो गया है, अब शरीर में पानी की कमी नहीं होगी, लेकिन उमस की वजह से पसीना भी ज्यादा निकलता है. ऐसे में शरीर को पानी की जरूरत पड़ती है. साथ ही ऐसी सिचुएशन में लोगों को वाटर इनटेक बढ़ाना चाहिए. वरना डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है. BP यानी ब्लड प्रेशर भी लो हो सकता है.
सर्दी-खांसी: बारिश के मौसम में लोग ठंड और गर्म चीजें एक साथ खा लेते हैं, इसकी वजह से वायरल इंफेक्शन या सर्दी-खांसी जैसी समस्या होती है.
साइनस: चेहरे और सिर के अंदर छोटे-छोटे एयर स्पेस होते हैं, जिसे साइनस कहते हैं. जब सर्दी होती है तो इन एयर स्पेस की ओपनिंग बंद हो जाती है और साइनस बढ़ जाता है.
माइग्रेन: इस मौसम में माइग्रेन की समस्या भी बढ़ सकती है. हालांकि, हर किसी को माइग्रेन की समस्या अलग-अलग वजहों से होती है. जैसे- किसी को तेज गर्मी तो किसी को ज्यादा रोशनी से.
बारिश के मौसम में बैलेंस डाइट लें
- सीजनल फ्रूट्स खाएं, जैसे- पपीता, अनार, लीची।
- हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं।
- बाहर का खाना खाने से बचें।
- बच्चों को कुरकुरे या चिप्स न दें। इससे एसिडिटी हो सकती है।
- कोल्ड ड्रिंक पीने से परहेज करें।
- न कम खाएं और न ज्यादा खाएं।
जितना ज्यादा पानी भाप बनेगा, उतनी ज्यादा उमस बढ़ेगी: गर्मी की वजह से बारिश, नदी-नालों, समुद्र या झील का पानी भाप बनकर उड़ता है और आसपास की हवा में फैल जाता है. इसे ही उमस कहते हैं. फिर जब भाप वाली हवा शरीर से टकराती है तो है ह्यूमिडिटी यानी उमस का एहसास होता है.
गर्म क्षेत्रों में उमस ज्यादा होती है: ठंडी जगहों की तुलना में गर्म जगहों पर उमस ज्यादा होती है, क्योंकि गर्मी के चलते पानी बहुत तेजी से भाप बनकर उड़ता है और आसपास की हवा में फैल जाता है.
डॉक्टरों का कहना हैं कि लोग ये सारे काम बीमार होने पर भी नहीं करते हैं. किसी के पास टाइम कम होता है तो कोई लापरवाही करता है. कुछ को तो लगता है कि वो ये सारी चीजें किए बिना ही ठीक हो जाएंगे. जबकि, हमें डॉक्टर की दी गई सलाह माननी चाहिए, ताकि हमें बीमारी से जल्दी छुटकारा मिल सके.