नोएडा प्राधिकरण को हाईकोर्ट से फिर मिला झटका, किसानों को जमीन पर मिला स्टे
Farmers got stay on land from Prayagraj High Court: नोएडा अथॉरिटी को एक बार फिर से प्रयागराज हाईकोर्ट से झटका लगा है. किसान की आबादी से जुड़े मामले में फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा है, “हम इसे अतिक्रमण नहीं मानते हैं. ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को तत्काल रोक दिया जाए. जमीन पर शुरू से किसान का कब्जा है. अधिग्रहण की प्रक्रिया को लेकर भी सवाल खड़े हुए हैं. ” नोएडा शहर के बीचोंबीच आगहापुर गांव से जुड़ा मामला है.
आगहापुर गांव के किसान रामकिशन और अन्य ने प्रयागराज हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. किसानों ने कोर्ट को बताया कि वर्ष 1992 में नोएडा अथॉरिटी ने खसरा संख्या 767 में जमीन का अधिग्रहण कर लिया. एक बीघा जमीन पर किसान परिवार की आबादी थी. किसानों ने मुआवजा नहीं लिया था. अथॉरिटी ने वर्ष 1997 में अवार्ड घोषित कर दिया. इस जमीन पर अभी तक रामकिशन और उनके परिवार का कब्जा है. नोएडा अथॉरिटी ने रामकिशन और उनके परिवार को अतिक्रमणकारी घोषित करते हुए निर्माण का ध्वस्तीकरण आदेश जारी किया है. इस आदेश के खिलाफ रामकिशन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
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याची रामकिशन के वकील पंकज दुबे ने बताया, गुरुवार को याचिका पर जस्टिस एमके गुप्ता और जस्टिस सीके राय की खंडपीठ ने सुनवाई की है. अदालत ने माना है कि जमीन पर किसान का कब्जा है. उचित रीति से भूमि का अधिग्रहण नहीं किया गया है. भूमि अधिग्रहण और अवार्ड कीघोषणा पर सवाल हैं. जमीन पर किसान परिवार रह रहा है. लिहाजा, डिमोलिशन ऑर्डर उचित नहीं है. कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी के आदेश पर रोक लगा दी है.