World Environment Day 2022: जानें इसका इतिहास और महत्व
World Environment Day 2022: हर साल 5 जून को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ (World Environment Day) के रूप में मनाया जाता है. आज के औद्योगीकरण (industrialization) के दौर में पर्यावरण के बारे में सोचना बेहद जरूरी है, क्योंकि पेड़ों की कटाई की वजह से पर्यावरण को पिछले कुछ दशकों में काफी नुकसान हुआ है. इसकी वजह से अब दुनियाभर के इकोसिस्टम में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहे हैं. पर्यावरण को सुरक्षा प्रदान करने का संकल्प लेने के उद्देश्य से ही हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. ये समुद्री प्रदूषण, ओवरपॉपुलेशन, ग्लोबल वॉर्मिंग, सस्टनेबल कंजम्पशन और वाइल्ड लाइफ क्राइम जैसे पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए एक मंच रहा है, जिसमें 143 से अधिक देशों की भागीदारी रहती है.
विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास: विश्व पर्यावरण दिवस की स्थापना 1972 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा human environment पर Stockholm Conference में की गई थी, जिसमें 119 देशों में हिस्सा लिया था. सभी ने एक धरती के सिद्धांत को मान्यता देते हुए हस्ताक्षर किए. इसके बाद 5 जून को सभी देशों में ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाया जाने लगा. भारत में 19 नवंबर 1986 से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू हुआ.
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आज पर्यावरण का बिगड़ता संतुलन और बढ़ते प्रदूषण से पूरी दुनिया जूझ रही है. इन गंभीर समस्याओं से उबरने का एक मात्र उपाय दुनियाभर के पर्यावरण को हरा भरा बनाना है. ये तभी संभव है जब लोग पेड़ों के संरक्षण के प्रति जागरूक हों. इसी जरूरत को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations Organisation) की पहल पर विश्व पर्यावरण सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाने की शुरुआत साल 1973 में की गई थी, जिसे हर साल नए थीम के साथ मनाया जाता है.
विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम: ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ को हर साल नए थीम के साथ मनाया जाता है. इस बार विश्व पर्यावरण दिवस की थीम है, ‘ only one earth ’ साल 1972 के स्टॉकहोम सम्मेलन का नारा “केवल एक पृथ्वी” था; 50 साल बाद भी, ये सच्चाई अभी भी कायम है – ये ग्रह हमारा एकमात्र घर है.