November 21, 2024, 6:31 pm

ज्ञानवापी में मिले ‘शिवलिंग’ की फोटो वायरल, देखिए ये रिपोर्ट…

Written By: गली न्यूज

Published On: Tuesday May 17, 2022

ज्ञानवापी में मिले ‘शिवलिंग’ की फोटो वायरल, देखिए ये रिपोर्ट…

Gyanvapi Masjid Case: यूपी के वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का काम तीन दिन की कवायद के बाद पूरा हो गया है. इस बीच हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि नंदी के मुख के सामने मस्जिद के वजू खाने से 12 फीट 8 इंच का शिवलिंग मिला है. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन ने शिवलिंग वाले एरिया को सील करने के साथ सीआरपीएफ तैनात कर दी है.

वहीं, वजूखाने के सील होने के बाद मुस्लिम पक्ष ने दावा किया है कि जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है, वह एक फव्वारा है. यही नहीं, मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने इसकी फोटो भी वायरल कर दी है।

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इसके अलावा मुस्लिम पक्ष के वकील तौहीद की तरफ से वायरल फोटो की ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने पुष्टि की है. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मुगल काल की मस्जिदों में वजू खाने के अंदर फव्वारा लगाए जाने की परंपरा रही है. उसी का एक पत्थर आज सर्वे में मिला है, जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है. दरअसल हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने अहम साक्ष्यों को संरक्षित और सुरक्षित करने की याचिका दी थी. इसी याचिका के बाद वाराणसी कोर्ट के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर के आदेश पर वजू खाने वाली जगह को सील किया गया है. सील करने की कार्रवाई के दौरान एडीएम प्रोटोकॉल मौके पर मौजूद रहे. वहीं, वजू खाने के पास सीआरपीएफ की तैनाती कर दी गई है, जो कि अब 24 घंटे निगरानी करेगी.

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दरअसल, श्री काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन मामले में 5 महिलाओं की तरफ से दायर याचिका पर ज्ञानवापी परिसर में कमीशन की कार्यवाही के तहत वीडियोग्राफी पूरी हो चुकी है. आज एक वीडियोग्राफी की रिपोर्ट न्यायालय में पेश करने की तारीख थी, लेकिन रिपोर्ट तैयार न होने के कारण सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं की जाएगी. इसकी जानकारी सहायक वकील आयुक्त अजय सिंह ने दी.

बताया जा रहा है कि 4 दिनों तक चली वीडियोग्राफी में कुल 17 घंटे की वीडियो रिकॉर्डिंग है और 1500 से ज्यादा तस्वीरों को 16 मेमोरी कार्ड में कैद किया गया है. यह सारे मेमोरी कार्ड 32GB के हैं. इन सभी पर कम से कम 2-2 पन्नों की यानी करीब 32 पन्नों की रिपोर्ट तैयार करनी पड़ सकती है. इसमें समय लगेगा.

 

दरअसल, कोर्ट के आदेश पर पहले 6 मई को और फिर 14 से 16 मई को ज्ञानवापी परिसर के अंदर कमीशन की कार्यवाही के तहत वीडियोग्राफी पूरी की गई है. इस दौरान हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर के पश्चिमी और दक्षिण हिस्से के बीचों-बीच स्थित एक तालाब में जिसमें वजू के लिए पानी भरा जाता है, वहां शिवलिंग मिलने का दावा किया है. हालांकि, बाद में इस मामले में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता और संयुक्त सचिव एसएस यासीन ने जिस स्थान पर शिवलिंग मिलने की बात कही है और जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है उसे फव्वारे का एक हिस्सा बताकर मामले की वैज्ञानिक जांच की बात भी कही है.

पहले 1 दिन और बाद में 3 दिनों तक लगातार हुई कमीशन की कार्यवाही के तहत अंदर कई राज मिले हैं. ऐसा दावा हिंदू पक्ष कर रहा है. उनका कहना है कि ञानवापी परिसर के 2 तहखानों में मौजूद खंभों में कमल पुष्प से लेकर घंटियां और हिंदू मंदिर होने के साक्ष्य हैं. इसके अलावा तहखाने में एक ईंट की दीवार भी मिली है. उसके पीछे कुछ गहरे राज छुपे होने का अंदाजा है. इसके अतिरिक्त अंदर काफी मलवा भी इकट्ठा है, जिसकी ऊंचाई 15 फीट से ज्यादा बताई जा रही है. इसे हटाकर वीडियोग्राफी कराए जाने की मांग भी हिंदू पक्ष कोर्ट में रख सकता है.

माना जा रहा है कि मुस्लिम पक्ष आज इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सकता है. गौरतलब है कि मुस्लिम परिवारों की तरफ से न्यायालय के फैसले को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. मुस्लिम पक्षकारों का कहना है कि जब कोर्ट ने स्वयं 17 मई को रिपोर्ट सबमिट करने का आदेश दिया था तो हिंदू पक्ष की तरफ से दी गई एप्लीकेशन पर एक तरफा सुनवाई करते हुए दूसरे पक्ष को बिना सुने 16 मई को ही परिसर को सील करना उचित ही नहीं था. इसके लिए कोर्ट को 1 दिन का इंतजार करना चाहिए था.

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