दिवालिया सुपरटेक हुआ तो ग्राहक क्या करें ? आसान भाषा में समझें होम बायर्स का समाधान
सुपरटेक बिल्डर ( Supertech Builder) दिवालिया होने के कगार पर खड़ी है। लेकिन जितनी बड़ी परेशानी की खबर यह सुपरटेक के प्रमोटर्स और डायरेक्टर के लिए है वहीं हजारों होम बायर्स के लिए भी यह बड़ी चिंता का कारण बन गया है। हजारों लोगों को अभी भी घर का पजेशन मिलने का इंतजार है।
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रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक (Supertch) भले ही NCLT के फैसले के खिलाफ अपील करने की बात कह रही है लेकिन सवाल है कि ऐसे हालात में होम बायर्स क्या करें ? www.gulynews इसकी पूरी जानकारी देगा लेकिन इसके पहले आपको बताते हैं कि सुपरटेक (Superteh) दिवालिया ( Insolvency) होने के कगार तक कैसे पहुंचा ?
क्यों दिवालिया होगा सुपरटेक ?
बाकी बिल्डर्स की तरह सुपरटेक ने भी कई बैंकों से कर्ज लिया है। इन्हीं बैंकों में शामिल है यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ( Union Bank Of India) । यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से लिए कर्ज की जब अदायगी सुपरटेक बिल्डर ने नहीं की तो यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने एनसीएलटी का दरबाजा खटखटाया। Union Bank Of India की याचिका पर NCLT की दिल्ली बेंच ने अहम फैसला सुनाते हुए इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया (Insolvency Process) शुरु करने का आदेश दिया है। Insolvency Process के लिए बकायदा हितेश गोयल को इन्टरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) नियुक्त किया गया है।
क्या करें होम बायर्स ?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस मामले में ग्राहकों को पैनिक करने की जरूरत नहीं है। सुपरटेक होम बायर्स को तुरंत इन्टरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) हितेश गोयल से मिलकर अपना दावा फाइल करना चाहिए। होम बायर्स को कंपनी की Insolvency Process यानी CIRP का पालन करना चाहिए और संभावित हल के आवेदन के लिए वोटिंग करके कंपनी के पुनरुद्धार का रास्ता निकालना चाहिए। इससे उन्हें अपना फ्लैट वापस पाने के साथ प्रोजेक्ट जल्द पूरा होने में मदद मिलेगी। अगर होम बायर्स इसे सामूहिक तौर पर करेंगे तो इससे सरकार पर भी प्रेशर बनेगा और वह भी होम बायर्स की मदद के लिए आगे आएगी।
सुपरटेक ने क्या कहा ?
NCLT के फैसले के खिलाफ सुपरटेक अपील करेगी। सुपरटेक बिल्डर का कहना है कि उसने कर्ज भुगतान की जगह प्रोजेक्ट पूरा करने को वरीयता दी। अब सुपरटेक NCLAT में अपील करेगी।
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