Gyanvapi Case: व्यासजी तहखाने में पूजा पर नही लगेगी रोक, हाई कोर्ट ने खारिज की मुस्लिम पक्ष की दलील
Gyanvapi Case: उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित ज्ञानवापी तहखाने में काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पूजा की अनुमति देने संबंधी मामलों पर फिर से सुनवाई की गई। जिला जज के आदेश की वैधता को चुनौती देने वाली अपीलों पर भी गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने इस मामले पर सुनवाई की और फैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि व्यास जी के तहखाने में पूजा को मस्जिद पक्ष ने गलत ठहराया है।
क्या है पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित ज्ञानवापी (Gyanvapi Case) परिसर के व्यास जी के तहखाने में पूजा-अर्चना कराने के मामले पर फिर से सुनवाई की गई। दरअसल, जिला जज के आदेश पर रोक लगाने के लिए अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद (मस्जिद) की ओर से दी गई अपील पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले गुरुवार को गंभीरता से सुनवाई की। हाई कोर्ट ने व्यास तहखाना में पूजा के अधिकार को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया है। इसके पहले जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने दोनों पक्षों को सुना और काफी सूझबूझ से अपना फैसला सुनाया है।
सोमवार को हुई थी सुनवाई
वाराणसी स्थित ज्ञानवापी तलगृह में काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पूजा की अनुमति देने संबंधी जिला जज के आदेश की वैधता को चुनौती देने वाली अपीलों पर गुरुवार को भी सुनवाई हुई। इससे पहले सोमवार को करीब एक घंटे से ज्यादा समय तक चली सुनवाई में मस्जिद पक्ष ने कहा था कि पूजा संबंधी आदेश सही नहीं है। हाई कोर्ट ने व्यास तहखाना में पूजा के अधिकार को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया है।
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जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने की सुनवाई
जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से चुनौती देने अपीलों की सुनवाई कर रहे हैं। मस्जिद पक्ष ने कहा था कि पूजा संबंधी आदेश सही नहीं है। मंदिर पक्ष का कहना है कि जिला जज के आदेश में कुछ भी गलत नहीं है। पांच मई की सुनवाई में पीठ ने कहा था कि 1993 तक किसका कब्जा था, यह तय हो जाए तो फैसला हो जाएगा।