Noida News: प्राधिकरण करेगा बिल्डरों के साथ मीटिंग, पैकेज साइन पर बनेगा दबाव
Noida News: नोएडा अथॉरिटी से बेहद अहम खबर है। प्राधिकरण ने बिल्डरों को फिर से मीटिंग के लिए बुलाया है। जिसमें प्राधिकरण प्रत्येक बिल्डर को गणना का प्रपत्र सौंपेगा। इसके साथ ही बिल्डराें को एक-दो दिन में पैकेज साइन करने का दबाव होगा। दरअसल, अब बिल्डरों की ओर से कहा जा रहा है कि उनको किसी तरह के बकाये की जानकारी नहीं दी गई है। लिहाजा अब छूट के बाद बिल्डरों पर कुल बकाये की जानकारी प्राधिकरण देगा। करीब 28-30 बिल्डरों को 42 बिंदुओं के आधार पर तैयार प्रपत्र सौंपने की तैयारी है।
क्या है पूरा मामला
खबर के अनुसार नोएडा में नोएडा प्राधिकरण ने बकायेदार बिल्डरों को आज फिर से बुलाया है। इसका मकसद बिल्डरों को बकाये की जानकारी देना होगा। 42 बिंदुओं पर तैयार गणना के प्रपत्र सौंपने के बाद एक-दो दिन में पैकेज साइन करने का दबाव प्राधिकरण डालेगा। दरअसल, अब बिल्डरों की ओर से कहा जा रहा है कि उनको किसी तरह के बकाये की जानकारी नहीं दी गई है।
लिहाजा अब छूट के बाद बिल्डरों पर कुल बकाये की जानकारी प्राधिकरण देगा। करीब 28-30 बिल्डरों को 42 बिंदुओं के आधार पर तैयार प्रपत्र सौंपने की तैयारी है। बिल्डर या उसके प्रतिनिधि को यह बताया जाएगा कि कोविड काल की छूट के बाद उन पर कितना बकाया है। इस आधार पर उनको 25 प्रतिशत राशि के तौर पर कुल कितनी राशि चुकानी होगी, यह प्रपत्र सौंपने के बाद बिल्डरों को एक-दो दिन के लिए अध्ययन का मौका दिया जाएगा। इसके बाद प्राधिकरण की ओर से बकाया पैसा चुकाने के बाद पैकेज साइन करने को कहा जाएगा।
प्रपत्र में यह होगी जानकारी
प्राधिकरण की ओर से तैयार किए गए गणना प्रपत्र में कुल बकाया, छूट के बाद कुल बकाया, ओसी जारी होने की जानकारी, कितने फ्लैट अधूरे हैं, डिफॉल्टर बिल्डर, कितने की रजिस्ट्री होनी है, कितने फ्लैटों में बिना रजिस्ट्री के लोग रह रहे हैं, इसकी जानकारी दी जाएगी। निबंधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से नोएडा प्राधिकरण के दौरे के दौरान भी यह सवाल उठाए गए हैं कि अगर बिना रजिस्ट्री के कोई फ्लैट खरीदार रह रहा है तो प्राधिकरण को इसकी रजिस्ट्री करानी चाहिए ताकि निबंधन विभाग को स्टांप शुल्क मिल सके।
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एनजीटी काल के जीरो पीरियड को पहले मांग रहे बिल्डर
प्राधिकरण का तर्क है कि पहले कोविड काल की अवधि की छूट लीजिए और कुल बकाये का 25 प्रतिशत जमा करें। छूट का पैकेज साइन करने के बाद केस टू केस बेसिस पर एनजीटी काल का छूट मिल पाएगा। जबकि बिल्डरों का कहना है कि पहले एनजीटी की छूट दें। इसके बाद कोविड काल के जीरो पीरियड की छूट मिलनी चाहिए। फिर कुल बकाया निकालना चाहिए। लेकिन प्राधिकरण ऐसा नहीं कर रहा है। बिल्डरों का साफ कहना है कि पहले कोविड काल और बाद में एनजीटी काल की छूट मिलने पर उनकी बकाये की राशि बढ़ जाएगी। ऐसे में यह गणना सही नहीं है।