Ghaziabad News: दावत खाने गई बच्चियों पर गिरा मकान का छज्जा, एक बच्ची की मौत
Ghaziabad News: गाजियाबाद से बेहद दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। जिसे सुनकर आप परेशान हो जायेंगे। पुराने मकान की मरम्मत न कराने की लापरवाही मासूम बच्चियों की जान पर बन गई। गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र की सोनिया विहार कॉलोनी में बृहस्पतिवार शाम छह बजे कुरानखानी की दावत के दौरान जर्जर मकान का छज्जा गिरने से तीन बच्चियां मलबे में दब गईं। हादसे में सात साल की बच्ची की मौत हो गई। वहीं दो बच्चियां घायल हो गईं। आसपास के लोगों ने मलबे से निकालकर बच्चियों को अस्पताल में भर्ती कराया है।
क्या है पूरा मामला
Ghaziabad News: Gulynews.com को मिली जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद के सोनिया विहार कॉलोनी में इरफान परिवार के साथ किराये के मकान में रहते हैं। वह ऑटो चलाते हैं। मकान फारूख का है, जो दिल्ली में रहता है। उनकी पत्नी नगमा ने बताया कि बृहस्पतिवार को उनके घर कुरानखानी की दावत थी। उन्होंने अशोक विहार कॉलोनी में रहने वाली ननद सीमा और साबिया के परिवार को बुला रखा था। घर में खाना चल रहा था। साबिया की बेटी माही और सीमा की दो जुड़वां बेटियां सोफिया और सिबरा तीनों मकान के ऊपर छत पर खेल रही थीं। खेलने के दौरान तीनों छत पर बने बाथरूम में हाथ धोने गए थे। तभी बाथरूम का छज्जा गिर गया। छज्जे के साथ बाथरूम भी नीचे धंस गया। तीनों बच्चियां भी नीचे गिर गईं। बच्चियों के नीचे गिरने पर आसपास के लोग आए। परिवार के लोगों ने आसपास के लोगों की मदद से बच्चियों को मलबे से बाहर निकाला। तभी इरफान तीनों बच्चियों को अपने ऑटो में डालकर दिल्ली के जीटीबी अस्पताल ले गया। यहां डॉक्टरों ने सोफिया को मृत घोषित कर दिया। वहीं माही और सिबरा का अस्पताल में इलाज चल रहा है। माही के सिर और शरीर के अलग-अलग जगहों पर चोट लगी है।
मकान मालिक को छज्जा ठीक कराने को बोला था
नगमा ने बताया कि वह करीब तीन माह पहले ही इस मकान में रहने के लिए आई थी। उन्होंने कुछ दिनों पहले मकान मालिक से मकान जर्जर होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि मकान की मरम्मत करा दो। लेकिन मकान मालिक ने जल्द मकान बिकने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर मकान मालिक समय पर मकान की मरम्मत करा देता, तो यह हादसा नहीं होता है। उन्होंने बताया कि हादसे के दौरान परिवार के अन्य सदस्य घर के अंदर थे। सोफिया और माही की मां भी अंदर ही थी।
पास पड़ोस के लोगों ने की मदद
बताया जा रहा है कि जैसे ही मकान का छज्जा गिरा, तो बहुत तेज आवाज आई। बच्चियां चिल्लाने लगीं। आवाज सुनकर आसपास के लोग अपने काम को छोड़कर मौके पर आ गए। उन्होंने देखा कि मलबे में कुछ बच्चियां दब गई है। उन्होंने एक-एक कर बच्चियों को बाहर निकाला। तीनों बच्चों को बाहर निकालने में करीब 7 मिनट लग गए। सोफिया मौके पर ही बेमुध हो गई थी। सिबरा के सिर से खून आ रहा था। वहीं माही भी बेहोश हो गई थी। सोफिया, सिबरा के पिता सुभान और माही के पिता शानू दोनों अशोक विहार कॉलोनी में पड़ोस में रहते हैं। दोनों मजदूरी करते हैं।
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एसीपी रवि प्रकाश सिंह ने बताया कि मामले में तहरीर नहीं मिली है। घायल बच्चियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है कि गलती किस की है। आसपास के लोगों से पूछताछ की गई है।