Brahmeshwar Mukhia Murder Case: ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में नया खुलासा, आईए जानें हुलास पांडेय समेत और किसने मारी थी गोली…..
Brahmeshwar Mukhia Murder Case: आज के दौर में समाज में बढ़ रहे अपराधों के बीच ब्रह्मेश्वर मुखिया के हत्याकांड से जुड़ी एक बेहद दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। जिसे सुनकर आप सहम जायेंगे। सीबीआई की जांच में एक नया खुलासा हुआ है, जिसके बारे में कभी कोई सोच भी नहीं सकता था की इस पार्टी के लोग भी मर्डर जैसे संगीन अपराधों को अंजाम दे सकते हैं। बता दें कि बेहद दर्दनाक तरीके से ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या कर दी गई थी। हत्या की इस घटना को 1 जून 2012 को अंजाम दिया गया था, जब मुखिया रोज की तरह मॉर्निंग वॉक पर निकले थे।
क्या है पूरा मामला
बिहार के आरा में हुए ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में नया अपडेट सामने आया है।Vये खबर बिहार से है जहां रणवीर सेना प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या को लेकर अपडेट सामने आया है। इस केस में सीबीआई ने पूर्व एमएलसी और लोजपा (रामविलास) के नेता हुलास पांडेय समेत 8 पर चार्जशीट दाखिल किया है। 1 जून 2102 को आरा में हुए बिहार के बहुचर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड मामले में सीबीआई ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट आरा के जिला एवं सत्र न्यायालय में दायर की है। सेशन जज-3 के कोर्ट में दायर चार्जशीट में पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय समेत आठ लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है।
जिन लोगों को आरोपी बताया गया है उनमें अभय पांडेय, नंद गोपाल पांडेय उर्फ फौजी, रितेश कुमार उर्फ मोनू, अमितेश कुमार पांडेय उर्फ गुड्डू पांडे, प्रिंस पांडेय, बालेश्वर पांडेय और मनोज राय उर्फ मनोज पांडेय का नाम शामिल है।
जानकारी के मुताबिक, सीबीआई के स्तर से दायर चार्जशीट में कहा गया है कि हुलास पांडेय ने सात अन्य आरोपियों के साथ मिलकर ब्रह्मेश्वर नाथ सिंह उर्फ ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या का षडयंत्र रचा था। मालूम हो कि हुलास पांडेय की गिनती बिहार के बाहुबली नेताओं में होती है। हुलास फिलहाल चिराग पासवान की पार्टी लोजपा रामविलास के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं।
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CBI की पूरक चार्जशीट में कहा गया है कि साजिश के तहत मुखिया के मर्डर से पहले सभी आरोपी आरा के कतिरा मोड़ पर 1 जून 2012 की अहले सुबह 4 बजे इकट्ठे हुए थे, जिसके बाद इस मर्डर को अंजाम दिया गया था। 1 जून की सुबह रणवीर सेना के सुप्रीमो रहे ब्रह्मेश्वर मुखिया की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जब वो अपने रोज की दिनचर्या के तहत सुबह टहलने के लिए निकले थे। आरोपों के मुताबिक नजदीक से छह गोलियां मारकर हुलास पांडेय समेत अन्य लोगों ने उनकी हत्या कर दी। ये सभी गोलियां देसी पिस्तौल से चलाई गई थीं। इस केस की जांच घटना के एक साल बाद ही सीबीआई को दे दी गई थी।