November 22, 2024, 12:37 pm

Noida News: डिजिटल अरेस्ट कर इंजीनियर युवती से ठगे लाखों, साइबर क्राइम थाने की जांच में हुआ खुलासा..

Written By: गली न्यूज

Published On: Friday December 1, 2023

Noida News: डिजिटल अरेस्ट कर इंजीनियर युवती से ठगे लाखों, साइबर क्राइम थाने की जांच में हुआ खुलासा..

Noida: नोएडा शहर में डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने का यह पहला मामला देखने को मिला। जिसमें साइबर जालसाजों ने एक आईटी इंजीनियर युवती को मनी लांड्रिंग में फंसाने की धमकी देकर क्राइम ब्रांच से लेकर दूसरी एजेंसियों के अधिकारी बनकर स्काइप से निगरानी रखी।उसे आठ घंटे तक डराया, धमकाया और इस दौरान पीड़िता को परिजनों या दोस्तों से बात करने की इजाजत भी नहीं दी गई। आरोपियों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर उससे 11.11 लाख रुपये की ठगी कर ली। युवती की शिकायत पर केस दर्ज कर साइबर क्राइम थाने ने मामले की जांच शुरू की। पुलिस पड़ताल में डिजिटल अरेस्ट कर वारदात का खुलासा हुआ।

क्या है मामला

देशभर में साइबर क्राइम की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। हाल ही में डिजिटल अरेस्ट के रूप में साइबर क्राइम का एक नया मामला नोएडा में सामने आया। इसमें नोएडा की सेक्टर-34 स्थित धवलगिरी अपार्टमेंट निवासी आईटी इंजीनियर सीजा टीए के पास 13 नवंबर को अंजान नंबर से फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑफ इंडिया (ट्राइ) का कर्मचारी बताया। कॉल करने वाले ने कहा कि युवती के आधार कार्ड का इस्तेमाल कर सिम कार्ड खरीदा गया है। जिसका प्रयोग मनी लॉन्ड्रिंग में हुआ है। उसे बताया गया कि सिम का इस्तेमाल कर दो करोड़ रुपये निकाले गए हैं। कॉलर ने आगे की जांच का हवाला देते हुए कॉल ट्रांसफर कर दिया। उसके कुछ देर बाद स्काइप कॉल कर कथित तौर पर जालसाजों द्वारा एक तरफ मुंबई पुलिस, दूसरी तरफ क्राइम ब्रांच और कस्टम के अधिकारी बन युवती को डराया धमकाया गया। करीब आठ घंटे तक स्काइप कॉल से युवती की निगरानी कर बंधक बनाए रखा गया। इस दौरान युवती से कई तरह के सवाल पूछे गए। किसी से बात करने की अनुमति नहीं दी गई। जालसाजों ने आठ घंटे बाद खाते में 11.11 लाख रुपये ट्रांसफर कराने के बाद कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। इस मामले में साइबर क्राइम थाने में पिछले सप्ताह मुकदमा दर्ज किया गया था। साइबर क्राइम थाने की प्रभारी निरीक्षक रीता यादव के मुताबिक जालसाजों ने पुलिस की वर्दी पहन कर स्काइप कॉल कर युवती को डराया था। साइबर क्राइम थाने की टीम फिलहाल मामले की छानबीन कर रही है।

क्या होता है डिजिटल अरेस्ट, आइए जानते हैं…

डिजिटल अरेस्ट साइबर क्राइम के तहत आता है। इसमें मोबाइल या लैपटॉप से स्काइप पर वीडियो कॉलिंग कर या अन्य किसी एप के जरिये किसी व्यक्ति पर नजर रखी जाती है। उसे डरा धमका कर वीडियो कॉलिंग से दूर नहीं होने दिया जाता है। मतलब की वीडियो कॉल के जरिये आरोपी को उसके घर में या जहां वो है वहीं एक तरह से कैद कर दिया जाता है। इस दौरान पीड़ित न तो वह किसी से बात कर सकता है और न कहीं जा सकता है। उसे इतना डरा दिया जाता है कि उसे लाखों रुपये के ट्रांजेक्शन के लिए मजबूर होना पड़ता है।

एप के जरिए भी रखी जाती है निगरानी

डिजिटल अरेस्ट का इस्तेमाल साइबर जालसाज करते हैं। जालसाज पुलिस क्राइम ब्रांच, सीबीआई, ईडी के अधिकारी बनकर एप डाउनलोड कराकर वर्चुलअ जांच का झांसा देते हैं। पीड़ित से पुलिस के अंदाज में पूछताछ की जाती है। जिसके बाद मनी लॉंड्रिंग, मानव तस्करी का हवाला या कारोबार से लेकर ड्रग्स तस्करी में शामिल होने का आरोप लगाकर मन मुताबिक लाखों रुपयों की वसूली की जाती है। पीड़ित न तो किसी से मदद मांग सकता है और न किसी को अपनी कहानी बता पाता है। उसे जो निर्देश मिलते हैं, उसी के हिसाब से काम करता है।

इसके पहले फरीदाबाद की छात्रा के साथ भी हो चुका है डिजिटल अरेस्ट

नोएडा में सामने आए डिजिटल अरेस्ट मामले से पहले फरीदाबाद में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। इसमें जालसाजों ने फरीदाबाद की एक छात्रा को अपना शिकार बनाया था। छात्रा को एक एप के माध्यम से 17 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया था। जालसाजों ने छात्रा को मानव तस्करी के मामले में फंसाने का डर दिखाकर डराया धमकाया था और स्काइप एप से लॉगआउट नहीं होने दिया गया था। जालसाजों ने छात्रा को परिवार और किसी भी परिचित व्यक्ति से कोई भी संपर्क नहीं करने दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.