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Ghaziabad dog attack: कुत्ते के काटने से बच्चे की हुई मौत के मामले में FIR दर्ज, लगाए गए ये धाराएं

Written By: गली न्यूज

Published On: Wednesday September 6, 2023

Ghaziabad dog attack: कुत्ते के काटने से बच्चे की हुई मौत के मामले में FIR दर्ज, लगाए गए ये धाराएं

Ghaziabad dog attack: गाजियाबाद (Ghaziabad news) में कुत्ते के काटने से 14 साल के बच्चे की मौत हो गई थी. बच्चे के परिजन बच्चे को लेकर जगह-जगह भडटक रहे थे, लेकिन किसी भी बड़े हॉस्पिटलों ने उसे भर्ती नहीं किया और उसको लाइलाज घोषित कर दिया था. जिसके बाद बुलंदशहर में एक वैद्य के यहां दिखाकर लौटते समय बच्चे ने एम्बुलेंस में अपने पिता की गोद में दम तोड़ दिया. पीड़ित परिवार की मांग कि थी कि जिस महिला के पाले हुए कुत्ते ने उनके बच्चे को काटा है उस महिला के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए महिला समेत परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस मामले की जांच करके आगे की कार्रवाई में जुड़ गई है. पुलिस ने पूरी फैमिली पर लापरवाही से मौत के सेक्शन लगाए हैं.

मृतक के परिजनों ने पड़ोस में रहने वाली सुनीता, आकाश, शिवानी और रासी के खिलाफ आईपीसी सेक्शन-304 ए और 289 के तहत थाना विजयनगर में एफआईआर कराई है. उनका कहना है कि सुनीता ने करीब 6-7 कुत्ते पाल रखे हैं. इन कुत्तों को किसी प्रकार का टीका नहीं लगवाया हुआ है. खाना नहीं मिलने के कारण ये कुत्ते आए दिन बच्चों को काटते रहते हैं. शिकायत करने पर ये लोग खुद को किसी संस्था से बताकर लोगों को धौंस दिखाते हैं.

क्या है पूरा मामला ?

पूरा मामला गाजियाबाद के विजयनगर इलाके का है. यहां चरण सिंह कॉलोनी में याकूब का परिवार रहता है. याकूब मेहनत मजदूरी करते हैं. याकूब का बेटा शाहवेज (14) क्लास आठ में पढ़ता था. चार दिन पहले 1 सितंबर को बेटा अजीबो-गरीब हरकतें करने लगा. उसको देखकर घरवालों को डर लगने लगा. उसने खाना-पीना बंद कर दिया. कभी-कभी भौंकने जैसे आवाजें भी मुंह से निकलने लगा. फैमिली ने कुछ डॉक्टरों को दिखाया तो पता चला कि उसे कुछ समय पहले किसी कुत्ते ने काटा, जिसका इंफेक्शन अब ज्यादा फैल गया है.

महिला ने पाले है 6-7 कुत्ते

जानकारी के अनुसार, जिस गली में पीड़ित परिवार रहता है उसी गली के पास पड़ौस में रहने वाली सुनीता ने लगभग 6-7 कुत्ते पाल रखे है. जिनके कुत्तों को किसी भी प्रकार के कोई टीके नहीं लगे हुए है और वह अपने कुत्तों को गली में खुला छोड़कर रखती है. कुत्तों को खाना ना मिलने के कारण कुत्ते आए दिन आस-पड़ोस के बच्चों को काटते है और उन पर भौंकते है. जिसकी शिकायत करने पर सुनीता का बेटा आकाश व उसकी बेटी शिवानी आगबबूला हो जाती है. साथ ही कॉलोनी के लोगों के खिलाफ झूठा प्रार्थना पत्र देकर और पुलिस से साज करके शिकायतकर्ता को ही थाना बुलाकर बंद करवा देती है. इसलिए आज से पहले किसी भी व्यक्ति ने शिकायत नहीं की. अगर कोई शिकायत भी करता था तो उनके द्वारा कोई रासी नाम की महिला को अपने आपको कुत्तों के पालन से संबंधित खुद को अध्यक्ष बताती है और सुनीता और उसके परिवारवालों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होने देती है. इन लोगों का गिरोह की तरह सरगना है.

लगभग एक महीने पहले याकूब के बेटे शाहवेज जिसकी उम्र 14 साल थी उसे सुनीता के कुत्ते ने काट लिया था, जिसकी शिकायत याकूब और गली के काफी लोगों ने मिलकर शिकायत की तो सुनिता ने  कहा कि उसने सभी कुत्तों को टीका लगाया है. आप परेशान ना हो. आपके बेटे को कुछ नहीं होगा. सभी लोगों ने इस बात पर विश्वास कर लिया और बेचिन्ता हो गए. अब जब याकूब के बेटे की हरकतों में कुत्ते जैसे लक्षण दिखाई दिए तो याकूब व सभी लोग मिलकर उसे अनेकों अस्पताल लेकर गए. डॉक्टरों ने कहा शाहवेज को जिस भी कुत्ते ने काटा है उसे कोई इंजेक्शन नहीं लगा था इसलिए इस बच्चे में कुत्ते जैसे सिम्टर्म्स आ गए और इसका इलाज संभव नहीं है. आप लोग भी इससे दूरी बना लो. इसकी मौत पक्का हो जाएगी.

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लोगों ने जब यह बात सुनिता और उसके परिवार को बताई तो इन लोगों ने कहा कि तुम्हें जो करना है करों कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है. जिसके बाद पीड़ित परिवार ने इसकी शिकायत थाने में की है.

पुलिस का कहना है कि कुत्ते के काटने से 14 साल के बच्चे की मौत हो गई थी और हॉस्पिटलों ने उसको लाइलाज घोषित कर दिया था. परिवार वालों ने शिकायत दर्ज कराई है कि जिसका कुत्ता था उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

बच्चे को रैबीज हुआ

पिता याकूब ने बताया कि 1 सितंबर को अचानक उनके बेटे की हरकतें कुछ अजीब हो गईं. वो बात-बात पर जीभ निकालने लगता था. फिर अजीब हरकतें करने लगता था. शरीर को अजीब तरीके से मोड़कर बैठने लगा. तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे पहले गाजियाबाद के एक अस्पताल लेकर गए. डॉक्टर ने बताया कि बच्चे को रैबीज हो गया है. इन्फेक्शन ज्यादा होने की बात कहकर डॉक्टर ने दिल्ली ले जाने की बात कही. वह बच्चे को दिल्ली ले गए. लेकिन कहीं भी बेटे को इलाज नहीं मिला.

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