Mahesh Baghel: मौत के आधे घंटे बाद जिंदा हुआ भाजपा नेता, हुआ चमत्कार!
Mahesh Baghel: आगरा से एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है. यहां एक भाजपा नेता को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था, लेकिन करीब आधे घंटे बाद वह जिंदा हो गए. दरअसल, यहां पर बात भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष महेश बघेल (BJP leader Mahesh Baghel) की हो रही है. आगरा के भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष महेश बघेल को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था. घरवाले उन्हें रोते-बिलखते घर लेकर पहुंचे. मौत की खबर मिलते ही सभी लोगों का घर पर जमावड़ा लग गया. लेकिन इसके करीब आधे घंटे बाद महेश बघेल की सांसें फिर लौट आईं और वह जिंदा हो गए. इसके बाद घरवाले महेश बघेल को फिर मौके पर अस्पताल लेकर पहुंचे. वहां अब उनका इलाज चल रहा है. लेकिन इससे मृत घोषित करने वाले डॉक्टरों पर कई सवाल उठ रहे है. घटना रविवार सुबह की है.
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, भाजपा के वरिष्ठ नेता महेश बघेल कई दिनों से बीमार हैं. उनका पहले राजामंडी के पास एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था. हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें परिजनों ने देहली गेट के पास पुष्पांजलि अस्पताल में एडमिट करा दिया. रविवार सुबह डॉक्टरों ने अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया. इसके बाद घरवाले उन्हें मृत समझकर घर ले गए. सभी लोग उनके घर पर इकट्ठा हो गए और रोने लगे. तभी उनकी अचानक से सांसें चलने लगीं. घरवाले उन्हें न्यू आगरा के एक प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुंचे. वहां पर डॉक्टर भाजपा नेता को भर्ती कर उनका इलाज कर रहे हैं.
महेश बघेल के भाई ने कहां ये-
भाजपा नेता के भाई राजेंद्र बघेल ने बताया कि उनके पैर में चोट लगी थी. उससे इन्फेक्शन हुआ. उसका ऑपरेशन कराया. छुट्टी होने वाली थी तभी अटैक पड़ा. दो दिन अस्पताल में भर्ती रहे. इसके बाद पुष्पांजलि में एडमिट कराया. थोड़ी स्थिति सुधरी, इसके बाद डॉक्टरों ने जवाब दे दिया. अब इलाज नहीं है. इसके बाद वेंटिलेटर पर ले लिया. दो दिन से वैंटिलेटर पर थे. फिर रविवार को डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. फिर उन्हें घर ले आए, सब रो रहे थे तभी उनकी थोड़ी सांस चलने लगी. इसके बाद फिर से अस्पताल ले गए. अब आंख भी खोल रहे हैं. ये ईश्वर का चमत्कार है.
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डॉक्टरों पर उठे सवाल
महेश बघेल की पत्नी कमला ने बताया कि ईश्वर ने उन्हें नई जिंदगी दे दी है. पूरे परिवार में खुशी है. साथ ही भाजपा नेताओं में भी खुशी है. बता दें कि, इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता अस्पताल पहुंचे. साथ ही कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि जिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था, क्या कोई लापरवाही बरती गई थी. यह जांच विषय है.