Greater Noida Authority: 22 साल से प्लॉट के इंतजार में शख्स, अपने जवाब से प्राधिकरण ने सबको किया हैरान
Greater Noida Authority: ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के सामने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) ने एक ऐसी बात कही कि आयोजन भी हैरान रह गया. प्राधिकरण की ओर से कहा गया है कि पीड़ित उपभोक्ता के भूखंड आवंटन (plot allotment) से संबंधित फाइल रिकॉर्ड से गायब है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सोमवार को आयोग को सूचित किया है. शिकायतकर्ता साल 2000 में भूखंड के आवंटन से वंचित है. 22 साल बीत जाने के बाद भी कोई सही कार्रवाई नहीं हो पाई है.
21 फरवरी को होगी अलगी सुनवाई
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सोमवार को आयोग को सूचित किया कि उन्होंने गायब फाइलों को लेकर मुकदमा दर्ज कराया है. राज्य आयोग के अध्यक्ष और सदस्य विकास कुमार, न्यायमूर्ति अशोक कुमार की पीठ की ओर से सोमवार को आदेश में कहा गया है कि हम मुकदमा में उल्लिखित बातों को देखकर हैरान हैं. जिस तरह से रिपोर्ट दर्ज की गई है, वह खुद में एक कहानी है. आयोग अब मामले की अगली सुनवाई 21 फरवरी को करेगा.
बिना दस्तावेजों के ही आवंटन को तैयार प्राधिकरण
आदेश में कहा गया है कि सभी आवश्यक दस्तावेज, जिन पर शिकायतकर्ता भरोसा करते हैं, उन्हें दो हफ्ते के भीतर हलफनामे (affidavits) के साथ रखा जाएगा. बता दें कि, याचिकाकर्ता महेश मित्रा ने अपने एक हलफनामे में कहा है कि अब जब फाइल गुम हो गई है तब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण साल 2014 में लागू दर पर एक भूखंड आवंटित करने को तैयार है.
अधिकारियों की लापरवाही
जानकारी के मुताबिक यह मामला 2 मई 2014 को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग की ओर से पारित एक आदेश के गैर-अनुपालन से जुड़ा हुआ है. दिल्ली निवासी महेश मित्रा ने एक याचिका दायर करते हुए कहा था कि उन्होंने ग्रेटर नोएडा में एक औद्योगिक भूखंड के लिए आवेदन किया था, लेकिन प्राधिकरण के अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनका आवंटन नहीं हो पाया.
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आदेश के बाद भी पीड़ित को किया परेशान
इसके बाद उत्तर प्रदेश उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने 17 जनवरी 2023 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को पहले के आदेशों का 100% अनुपालन सुनिश्चित करने और शिकायतकर्ता की शिकायत का निस्तारण करने का निर्देश दिया था. जो साल 2000 में एक औद्योगिक भूखंड के आवंटन से वंचित रह गए थे. मित्रा ने कहा कि आयोग के बार-बार आदेश के बाद भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने उन्हें परेशान किया है.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से कहा है कि हमने राज्य आयोग को गायब फाइलों के बारे में सूचित कर दिया है. फाइल गुम होने पर हमने मुकदमा भी दर्ज कराया था. हम आयोग के आदेश का पालन करेंगे.