November 22, 2024, 5:51 pm

Ashiana Housing Society case: इस सोसायटी में लाखों का गबन, 7 लोगों पर FIR दर्ज

Written By: गली न्यूज

Published On: Saturday November 19, 2022

Ashiana Housing Society case: इस सोसायटी में लाखों का गबन, 7 लोगों पर FIR दर्ज

Ashiana Housing Society case: गाजियाबाद के साहिबाबाद ( Sahibabad) के कौशांबी इलाके में आशियाना हेरिटेज हाउसिंग सोसायटी (Ashiana Housing Society case) के मौजूदा AoA के सदस्य वीर सिंह चौहान ने कई पदाधिकारियों पर गबन का आरोप लगाया है. वीर सिंह चौहान मौजूदा AoA के सदस्य है. उन्होंने आरोप लगाया है कि पिछले साढ़े तीन वर्षों के दौरान उनकी आरडब्लूए के तत्कालीन पदाधिकारियों ने करीब 20 लाख रुपए का गबन किया है. जिसकी पुलिस अब जांच कर रही है.

बता दें कि, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहरों में सेक्टरों व हाउसिंग सोसाइटीज के देखरेख की जिम्मेदारी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (Resident Welfare Association)संभाल रही हैं. इन संगठनों में आपसी मनमुटाव चलता रहता है. गाजियाबाद में आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों पर गबन करने का आरोप लगा है. हाउसिंग सोसायटी के निवासियों ने अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष समेत सात पदाधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करवाई है. पुलिस ने बताया कि मामले में जांच चल रही है.

क्या हैं मामला ?

मामला साहिबाबाद के कौशांबी इलाके में आशियाना हेरिटेज हाउसिंग सोसायटी (Ashiana Heritage Housing Society)का है. इस सोसाइटी में 98 फ्लैट हैं. मौजूदा आरडब्ल्यूए के सदस्य वीर सिंह चौहान ने आरोप लगाया है कि पिछले साढ़े तीन वर्षों के दौरान उनकी आरडब्लूए के तत्कालीन पदाधिकारियों ने करीब 20 लाख रुपए का गबन किया है. यह पैसा आरडब्लूए को यहां रहने वाले 98 परिवार हर महीने देते हैं. आरडब्लूए मेंटेनेंस चार्ज के तौर पर यह पैसा वसूल करती है. सोसायटी के एस्टेट मैनेजर, आरडब्लूए के तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव कोषाध्यक्ष और कुछ सदस्यों ने मिलकर यह 20 लाख रुपये का गबन किया है.

वीर सिंह चौहान ने बताया कि हर महीने साढ़े चार लाख रुपये मेंटेनेंस चार्ज आरडब्ल्यूए के पास जमा होता है. ज्यादातर निवासी मेंटेनेंस चार्ज का नकद भुगतान करते हैं. बहुत कम संख्या में बैंक खाते में जमा करते हैं. पिछले साढे 3 साल से तत्कालीन आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी मेंटेनेंस के रुपए गबन करने लगे. यह गड़बड़ी कोरोना के समय से शुरू हुई. नकद आने वाले मेंटेनेंस चार्ज का हिसाब आरडब्ल्यूए कार्यालय में नहीं है.

सोसाइटी के लोगों ने क्या कहा ?

निवासियों ने बताया कि विगत 21 सितंबर को जनरल बॉडी की बैठक हुई थी, जिसमें लोगों ने मेंटेनेंस का पैसा गबन करने का मुद्दा उठाया. तत्कालीन सचिव गौरव जैन ने एस्टेट मैनेजर आशुतोष पर आरोप लगाया कि उसने 4 लाख रुपये का गबन किया है. उन्होंने खुद को बचाने के लिए आशुतोष के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने, उसका वेतन रोकने और उससे 3,23 लाख रुपये का चेक लेकर भरपाई करने का दावा किया था.

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वीर सिंह चौहान कहते हैं  कि दूसरी ओर आशुतोष ने गौरव जैन को यह पैसा नकद देने की बात कही थी. नकद में आए पैसे का लेखा-जोखा नहीं रखा गया है. आशुतोष तब से फरार है. कोरोना काल से लेनदेन में गड़बड़ी की जा रही थी. जनरल बॉडी मीटिंग में सभी पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया था. अब पिछले रविवार को आरडब्लूए का दोबारा चुनाव हुआ है. जिसमें नए सदस्य चुने गए हैं. नई आरडब्ल्यूए ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने का निर्णय लिया. दूसरी ओर इस पूरे प्रकरण को लेकर आरडब्लूए के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप चतुर्वेदी और सचिव गौरव जैन से बात करने की कोशिश की गई. उन्होंने पूरे मामले पर कोई पक्ष रखने से इंकार कर दिया है.

पुलिस का बयान ?

पुलिस का कहना है कि आरडब्ल्यूए के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप चतुर्वेदी, सचिव गौरव जैन, कोषाध्यक्ष नवनीत पचोरी,सदस्य विनीत गुप्ता, सीमा सिन्हा और सरोज पूनिया के खिलाफ मौजूदा आरडब्ल्यूए के सदस्यों ने लिखित शिकायत दी है. जिसके आधार पर इन सभी 7 लोगों के खिलाफ अमानत में खयानत का मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले की जांच की जा रही है.

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