Karwa Chauth 2022: ऐसे मनाया गया करवा चौथ, खास प्रोग्राम आयोजित कर महिलाओं को इंगेज किया
Karwa Chauth 2022: बीती रात चांद निकलने के साथ ही करवा चौथ पर व्रत रखने वाली सुहागिनों का इंतजार खत्म हो गया. आसमान में चांद दिखते ही उपवास रखने वाली महिलाओं का चेहरा खिल गया और अपने पति के हाथ से पानी पीकर इन महिलाओं ने अपना व्रत तोड़ा।
केपटाउन सोसाइटी में खास कार्यक्रम
गौतमबुद्ध नगर के नोएडा स्थित सेक्टर 74 के केपटाउन सोसाइटी में भी करवा चौथ (Karwa Chauth 2022) के मौके पर खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। लेडिज क्लब ने इसके लिए बड़ी तैयारी की थी। भूखी-प्यासी महिलाओं को इंगेज करने के लिए लेडिज क्लब के किस्मत धर और मीनू चौधरी ने सोसाइटी के क्लब वन में महिलाओं के लिए खास इंतजाम किया था। एक तरफ व्रत करने वाली महिलाओं के लिए कथा सुनने का इंतजाम किया गया था, जिसके लिए खास तौर से विद्वान पंडित को बुलाया गया था वहीं दूसरी ओर इंगेजमेंट के लिए महिलाओं के बीच डांस, गाना, अलग-अलग तरह के इंडोर गेम्स का भी आयोजन किया गया था।
ऐसे प्रोग्राम में शामिल होकर महिलाएं बेहद खुश नजर आईं। https://gulynews.com से बात करते हुए किस्मत धर ने बताया कि इस कार्यक्रम का मकसद एक साथ करवा चौथ मनाना और पूजा पाठ करना था। ताकि घर में अकेले रह रही महिलाओं को किसी तरह की कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े। इस दौरान टॉवर नंबर CB-2 के फ्लैट नंबर 1306 में रहने वाली दिपाली पंडिता को बेस्ट परफॉर्मर चुना गया । बेस्ट परफॉर्मर को लेडिज ग्रुप की ओर से अवॉर्ड भी दिया गया। इस अवाॉर्ड को पाकर दिपाली भी बेहद खुश नजर आईं।
करवा चौथ पर क्या है विधान ?
बता दें कि कि करवा चौथ पर सुहागिनें चांद देखने के बाद ही व्रत खोलती हैं। चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत के पारण का विधान है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद सुहागिनें करवा चौथ की पूजा करती हैं और पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलती हैं। करवा चौथ पर चंद्रमा के दर्शन के लिए थाली सजाई जाती है। थाली में दीपक, सिन्दूर, अक्षत, कुकुम, रोली और चावल से बनी मिठाई या सफेद मिठाई रखते हैं। करवे में जल भरकर मां गौरी और गणेश की पूजा की जाती है। छननी की मदद से चंद्र दर्शन किया जाता है और अर्घ्य दी जाती है। कई जगहों पर चंद्र दर्शन के बाद छननी से पति का चेहरा देखने की भी परंपरा है. इसके बाद अपने पति की लंबी आयु की कामना की जाती है। फिर श्रृंगार की सामग्री का दान कर और अपनी सासू मां से आशीर्वाद ली जाती है। इस दिन काले या सफेद वस्त्र धारण न करने की परंपरा है।