नोएडा की समझ पर ताला, भूले जल ही जीवन है
अपने देखा तो होगा, किसी के पास कोई चीज ज्यादा हो जाती है तो उसे लगता है कि वो मनचाहा इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन कई ऐसी चीजें है जिनपर मनचाहा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। उनमें से एक पानी भी है। ये किसी से छिपा नहीं है धरती पर पीने लायक पानी केलव 1.2 परसेंट।
दरअसल, देश में कई जगहों पर पानी की किल्लत के बारें में अपने सुना होगा। लेकिन आज हम आपको नोएडा हाल का बताने जा रहें है। नोएडा में आने वाले कुछ सालों में आपको पानी के लिए तरसना पड़ेगा। जी हां, एक्सपर्ट की माने तो नोएडा-ग्रेटर नोएडा में हर साल 2 से 6 फ़ीट पानी धरती की और अंदर जा रहा है। मतलब लोगों को पहुंच से थोड़ा और दूर। लेकिन चिंता की बात यह है कि आखिर नोएडा का पानी खत्म कैसे हो रहा है? क्या पानी कुछ सालों में पूरा खत्म हो जाएगा?
40-50 फ़ीट की गहराई से सीधे 300 फ़ीट पर
नोएडा के एक गांव के रहने वाले कुंवर यादव बताया कि पहले गांव में पानी के लिए हैंडपंप लगाए जाते थे तो 40-50 फ़ीट पर पानी आ जाता था। .लेकिन अब, पानी के लिए 250 से 300 तक पाइप डालना पड़ता है। इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी कहा कि ये सब नोएडा में पिछले 20 सालों से हो रहे अंधाधुंध निर्माण कार्य की वजह से हुआ है।
भू-जल लगातार गिरता स्तर
इन्फ्रास्ट्रक्चर को तैयार करना और पर्यावरण को बनाए रखना, दोनों ही विकास के लिए जरूरी है। अगर दोनों को साथ लेकर नहीं चला जाएगा तो दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। और यही नोएडा में नहीं हुआ। नोएडा में लगातार प्लास्टर बिछाए गए। कहीं भी भू-जल को रिचार्ज करने के लिए कोई उपाय नहीं किये गए। जिसकी वजह से नोएडा में हर साल 2-6 फ़ीट तक पानी कम हो गया है।
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