Live In Relationship News: ऑनलाइन देनी होगी लिव इन रिलेशनशिप की जानकारी, जाने पूरी खबर
Live In Relationship News: लिव इन रिलेशनशिप के मामलों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा को लेकर बड़ी खबर है। इस प्रकार के तमाम जोड़ों को इस सुविधा के बाद निबंधन कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। इसके लिए 18 से 21 साल आयु वर्ग के युवाओं के माता-पिता को सूचित किया जाएगा। इसको लेकर सरकार की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
क्या है पूरा मामला
बतादें, उत्तराखंड में (Live In Relationship News) समान नागरिक संहिता (यूसीसी) इस साल के अंत तक लागू होने की उम्मीद है। इसमें लिव-इन जोड़ों और विवाह के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सुविधा शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है। विशेष रूप से, यह पहली बार है कि सरकार ने खुलासा किया है कि लिव-इन का पंजीकरण ऑनलाइन संभव होगा। लिव-इन के लिए यूसीसी प्रावधानों के तहत जोड़ों को पंजीकरण कराने और सरकार की जांच का मुद्दा इस साल लोकसभा चुनावों से पहले युवाओं के बीच एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय था। पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह के नेतृत्व में नौ सदस्यीय पैनल आवश्यक नियमों का मसौदा तैयार करने पर काम कर रहा है। इसके जून के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने कहा कि वे 2024 के अंत तक अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने की योजना बना रहे हैं।
ऑनलाइन मोड के माध्यम से औपचारिकताओं को पूरा करना आसान
इस मामले में शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि हम लोगों के लिए ऑनलाइन मोड के माध्यम से औपचारिकताओं को पूरा करना आसान बनाना चाहते हैं। हालांकि, यह प्रक्रिया जटिल है, क्योंकि सरकारी कर्मचारियों को औपचारिक प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। हम समय सीमा को पूरा करने के लिए नियम बनाने और एक साथ प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों, विशेषकर उप-पंजीयक कार्यालय के कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण ग्राम स्तर पर आयोजित किया जाएगा। इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से रजिस्ट्रेशन की विधि की जानकारी दी जाएगी।
रजिस्ट्रार कार्यालय के नही लगाने पड़ेंगे चक्कर
बताया जा रहा है कि ऑनलाइन सुविधा से रजिस्ट्रार कार्यालय में बार-बार जाने की आवश्यकता को कम किया जाएगा। इससे लिव इन जोड़ों और सरकारी कर्मचारियों दोनों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त समय की आवश्यकता के बावजूद योजना व्यापक और फुलप्रूफ होगी। उन्होंने कहा कि हम लिव-इन रिलेशनशिप के खिलाफ नहीं हैं। हम किसी भी प्रतिबंध लगाने की योजना नहीं बना रहे हैं। हालांकि, 18 से 21 वर्ष आयु वर्ग के जोड़ों के लिए पंजीकरण अनिवार्य है। इसके लिए उनके माता-पिता को सूचित किया जाएगा।
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यूसीसी में लिव इन पर नियम हैं सख्त
लिव-इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन के संबंध में यूनिफॉर्म सिविल कोड के सख्त नियम हैं। जोड़ों को एक महीने के भीतर अपनी लिव-इन स्थिति दर्ज करानी होगी। अगर वे इस नियम का पालन करने में विफल रहते हैं तो उन्हें तीन महीने की जेल की सजा या 10,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। यदि रजिस्ट्रेशन तीन महीने से अधिक नहीं होता है तो जोड़े को अधिकतम छह महीने की जेल, 25,000 रुपये का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है। सबसे महत्वपूर्ण तो यह है कि लिव-इन रिलेशनशिप के दौरान अगर कोई संतान पैदा होती होती है तो अवैध नहीं माना जाएगा। नियम के तहत पैदा हुए बच्चों को कानूनी तौर पर जोड़े की वैध संतान के रूप में मान्यता दी जाएगी। वे विवाह के बाद पैदा होने बच्चों की तरह ही सभी अधिकारों के हकदार होंगे।
लड़कियों के विवाह की उम्र 18 वर्ष
यूनिफॉर्म सिविल कोड में विवाह के उम्र में कोई बदलाव नहीं किया गया है। लड़कियों के लिए एक समान विवाह योग्य आयु (सभी धर्मों में 18 वर्ष निर्धारित) का निर्धारण किया गया है। इसके अलावा अन्य प्रमुख नियमों में 60 दिनों के भीतर विवाह और तलाक का अनिवार्य पंजीकरण कराना होगा। बेटों और बेटियों के लिए समान विरासत अधिकार यूसीसी के तहत दिए गए हैं। यदि कोई विवाह या तलाक पंजीकरण प्रक्रिया का पालन करने में लापरवाही करता है, तो उप-पंजीयक 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है।