UP News: लिफ्ट के हादसों पर सीएम योगी सख्त, जल्द ही बनेगा कानून
UP News: रोजाना हो रहे लिफ्ट के हादसों को देखते हुए एक राहत की खबर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक बयान में कहा है कि निजी या सार्वजनिक परिसर में नई लिफ्ट और एस्केलेटर लगाने वाले प्रत्येक मालिक के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरीकरण और बहुमंजिला इमारतों के प्रसार से लिफ्ट और एस्केलेटर का उपयोग बढ़ रहा है। भीड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित लिफ्ट और एस्केलेटर के अनुचित संचालन और रखरखाव की अक्सर शिकायतें मिलती हैं।इसके लिए उत्तर प्रदेश में लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए कानून जल्द ही बनाया जायेगा।
क्या है पूरा मामला
UP News: जानकारी के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बहुमंजिला इमारतों में लगी लिफ्ट और स्वचालित सीढ़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरीकरण और बहुमंजिला इमारतों के प्रसार से लिफ्ट और एस्केलेटर का उपयोग बढ़ रहा है। भीड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित लिफ्ट और एस्केलेटर के अनुचित संचालन और रखरखाव की अक्सर शिकायतें मिलती हैं. उन्होंने निर्देश दिया कि लिफ्ट और एस्केलेटर का निर्माण, गुणवत्ता, अंतर्निहित सुरक्षा सुविधाओं, स्थापना, संचालन और रखरखाव के लिए निर्धारित प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना जरूरी है।
मुख्यमंत्री योगी का अधिकारियों को सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री ने राज्य में लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए कानून नहीं होने पर अफसोस जताया। उन्होंने देश के अन्य प्रांतों में लिफ्ट अनिधिनियम का हवाला दिया। उन्होंने प्रदेश में लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए कानून को जल्द से जल्द लागू करने की जरूरत बताई। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि निजी या सार्वजनिक परिसर में नई लिफ्ट और एस्केलेटर लगाने वाले प्रत्येक मालिक के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य किया जाना चाहिए। पहले से भी चल रही लिफ्ट और एस्केलेटर का भी रजिस्ट्रेशन होगा।
लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए भी बनाएं कानून
मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि लिफ्ट और एस्केलेटर के निर्माण में भारतीय मानक ब्यूरो मानकों का अनुपालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लिफ्ट और एस्केलेटर की स्थापना में संबंधित बिल्डिंग कोड एवं अन्य आवश्यक कोड का अनुपालन भी सुनिश्चित किया जाए। लिफ्ट में लोगों की सुरक्षा के लिए स्वचालित बचाव उपकरण लगाना अनिवार्य किया जाना चाहिए ताकि बिजली आपूर्ति या अन्य खराबी की स्थिति में लिफ्ट के अंदर फंसा व्यक्ति निकटतम तल तक पहुंच जाए और लिफ्ट का दरवाजा अपने आप खुल जाए।
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आपातकालीन घंटियां, सीसीटीवी कैमरे, पर्याप्त रोशनी और टेलीफोन लगाना भी अनिवार्य होना चाहिए। व्यापक जनहित में जरूरी है कि सार्वजनिक परिसरों में स्थापित लिफ्ट और एस्केलेटर संचालन के दौरान किसी भी दुर्घटना की स्थिति में लोगों के जोखिम को कवर करने के लिए बीमा का प्रावधान हो। उन्होंने कहा कि लिफ्ट एवं एस्केलेटर की स्थापना एवं संचालन के संबंध में शिकायत मिलने पर निर्माता अथवा संबंधित एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान किया जाये।