March 29, 2024, 2:05 am

Supertech Builder : बिल्डर सुपरटेक की कड़वी हकीकत सामने आई, केपटाउन सोसाइटी के हजारों फ्लैट में बिना ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट के रह रहे हैं लोग

Written By: गली न्यूज

Published On: Wednesday March 22, 2023

Supertech Builder : बिल्डर सुपरटेक की कड़वी हकीकत सामने आई, केपटाउन सोसाइटी के हजारों फ्लैट में बिना ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट के रह रहे हैं लोग

Supertech Builder : दिल्ली एनसीआर के नामी बिल्डरों में शुमार सुपरटेक बिल्डर (Supertech Builder) की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। डिफॉल्टर लिस्ट (Defaulter List Of Builder) में पहले से शुमार सुपरटेक बिल्डर को लेकर नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) ने बड़ी जानकारी दी है । नोएडा प्राधिकरण ने जो जानकारी दी है उससे पता चलता है कि 15 परियोजनाओं से जुड़े मामले एनसीएलटी (NCLT) में विचाराधीन हैं । बड़ी बात यह है कि इस लिस्ट में सुपरटेक बिल्डर का भी नाम शामिल है ।

क्या है चौंकाने वाले खुलासे

लंबे समय से लोगों को बिल्डरों से जुड़ी सभी परियोजनाओं के ब्यौरा का इंतजार था, इस इंतजार को अब नोएडा प्राधिकरण ने खत्म करते हुए बिल्डरों से जुड़ी सभी परियोजनाओं का ब्यौरा अपने आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया है। https://gulynews.com की टीम ने नोएडा अथॉरिटी की वेबसाइट पर जाकर बिल्डर सुपरटेक (Supertech Builder) के केपटाउन प्रोजेक्ट (Capetwon Society) की जानकारी ली तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं । यह आंकड़े इतने गंभीर हैं कि अगर आपने घर खरीदने का मन बनाया है तो यह आप को बैकफुट पर धकेल सकता है क्योंकि एक तो पहले से ही बिल्डर सुपरटेक एनसीएलटी में है दूसरा इसने कई ऐसे टॉवर्स बना लिए हैं जिसकी ओसी ( Occupancy Certificate)  तक नहीं मिली है।

केपटाउन प्रोजेक्ट पर कितने करोड़ का बकाया ?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बिल्डर सुपरटेक का केपटाउन प्रोजेक्ट नोएडा के सेक्टर 74 में स्थित है। नोएडा अथॉरिटी के वेबसाइट के मुताबिक इस प्रोजेक्ट का नाम मेसर्स सुपरटेक लिमिटेड विथ इंक्लूडिंग ओआरबी है। यह पूरा प्रोजेक्ट 2 लाख मीटर में है। लेकिन सबसे हैरानी वाली बात यह है कि इतना बड़ा एरिया और इतने सारे फ्लैट बनने के बाद भी बिल्डर सुपरटेक का नोएडा अथॉरिटी पर केवल इस प्रोजेक्ट को लेकर के करीब 677 करोड़ रुपए का बकाया है। इतनी बड़ी राशि के बकाया होने के कारण ही कई टॉवर्स की ओसी/सीसी ड्युज है साथ ही साथ फ्लैटों की रजिस्ट्री भी रुकी हुई है।

कितने टॉवर्स बने हैं ?

नोएडा अथॉरिटी ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक 2 लाख मीटर एरिया में कुल 50 टॉवर्स का निर्माण किया जाना है बड़ी बात यह है कि इनमें से सभी 50 टॉवर का निर्माण पहले ही हो चुका है। लेकिन चिंता की बात यह है कि केवल 37 टॉवर्स के पास ही ओसी सर्टिफिकेट यानी ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट है यानी जिसमें लोग रह सकते हैं मतलब साफ है कि तेरह (13) ऐसे टॉवर्स हैं जिसे ओसी नहीं मिली है चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से कई टॉवर्स ऐसे भी हैं जिसमें लोग रह भी रहे हैं। एक्सपर्ट मानते हैं कि यह रेजिडेंट्स की सुरक्षा के साथ एक गंभीर खतरा साबित हो सकता है।

कितने फ्लैट बनेंगे ?

केपटाउन प्रोजेक्ट के  50 टॉवर्स में नोएडा अथॉरिटी ने 8055 फ्लैट कंस्ट्रक्शन की अनुमति दी है। इनमें से केवल 4419 फ्लैट्स को ही ओसी/सीसी सर्टिफिकेट जारी किया गया है।  समझा जा सकता है कि करीब आधे से ज्यादा फ्लैट्स अभी भी बिना ओसी/सीसी के है। जानकारी मिली है कि इनमें से तो कुछ फ्लैट्स बड़े एरिया वाले हैं यानी 2 हजार स्क्वायर फीट से ज्यादा के हैं। करीब 8 हजार फ्लैटों में से कुछ फ्लैट्स तैयार हैं जिसमें लोग रह रहे हैं लेकिन बिना ओसी/सीसी के ।

जिन 4419 फ्लैट्स को ओसी/सीसी जारी किया गया है उनमें से केवल 2700 फ्लैट्स की ही रजिस्ट्री हुई है। साफ है कि करीब एक तिहाई फ्लैट्स जिन्हें ओसी/सीसी जारी किया गया है उन्हें अभी भी रजिस्ट्री का इंतजार है।

फंसने से बचें

बता दे कि आमतौर पर बिल्डर्स कंस्ट्रक्शन के नाम पर लोगों से कीमत वसूलते हैं और कीमत वसूलने के बाद भी कई बार फ्लैट खरीदारों को उनका फ्लैट नहीं मिल पाता बिल्डर सुपरटेक की इस प्रोजेक्ट में भी कुछ इसी तरह की कड़वी हकीकत सामने आ रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि बिल्डर सुपरटेक अकेला ऐसा बिल्डर नहीं है जिस पर इस तरह का डिफॉल्ट होने या फिर प्रोजेक्ट पूरा न करने का आरोप लगे हैं बल्कि इसी तरह के 43 बिल्डर परियोजनाओं को नोएडा अथॉरिटी ने डिफॉल्ट घोषित किया है।इस तरह की डिफॉल्ट घोषित की जा चुकी परियोजनाओं में अगर आप फ्लैट खरीदते हैं तो आप बुरी तरह से फंस सकते हैं ।

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