NGT के आदेश के बाद कंक्रीट की कैद से आजाद होंगे पेड़, जानिए क्या है पूरा मामला
Trees will be freed from imprisonment of concrete: गौतमबुद्ध नगर (Noida- greater noida) में सालों से पेड़ कैद में थे, जिनको आज़ाद करने का आदेश राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल (National green tribunals) ने दिया है. बता दें कि, Noida के रहने वाले पर्यावरणविद विक्रांत टोंगड़ ने NGT में याचिका 2017 में डाली थी. जिसमें उन्होंने मांग की थी कि जिले में लगे पेड़ों की जड़ को किसी तरह से बंधा न रखा जाए. जिसे पांच साल राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल ने मानते हुए नोएडा प्राधिकरण (Noida authority) व ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को आदेश दिया है कि जिले में जितने भी पेड़ हैं सबकी जड़ो को कंक्रीट मुक्त किया जाए.
विक्रांत टोंगड़ (Vikrant tongad) बताते हैं कि एनसीआर में (Delhi-Ncr) में आपने देखा होगा कि आंधी, बारिश के मौसम में कई पेड़ जड़ से उखड़ जाते हैं. इसका कारण बस यही है कि विस्तारीकरण के चलते कंक्रीट व टाइल्स का उपयोग किया जाता है. जिससे कि पेड़ों का सही से विस्तार होने के लिए जगह नहीं मिलती. इसी कारण न तो पानी जमीन के भीतर जा पाता है और न वाटर लेवल रिचार्च हो पाता है. इस सबको ध्यान में रखते हुए मैंने ये अपील की थी, जिसे लंबे समय के बाद NGT ने स्वीकृति दे दी है. जिसके तहत अब पेड़ों की जड़ों को कंक्रीटमुक्त किया जाएगा.
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विक्रांत बताते हैं कि पेड़ों को सही से विकास होने के लिए मिट्टी पानी की बेहद जरूरत होती है. लेकिन जड़ के चारों तरफ कंक्रीट होने की वजह से पेड़ विकास नहीं कर पाता. इस कारण ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है. शहरों के तापमान में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है.