टीचरों की घिनौनी करतूत, अपने फायदे के लिए बनाया छात्राओं को बंधक
Lakhimpur: क्या कभी आपने सुना है कि किसी ने अपना तबादला रुकवाने के लिए किसी को बंधी बना लिया। अगर नहीं तो आज हम आपको बता दें है। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की दो टीचरों ने 20 स्टूडेंट्स को दो घंटे तक बंधक बनाए रखा। पुलिस ने स्कूल में पहुंचकर स्टूडेंट्स को छुड़ाया। वहीं जिला समन्वयक सर्व शिक्षा रेनू श्रीवास्तव ने दोनों टीचरों के खिलाफ तहरीर दी है।
क्या-कैसे हुआ?
शाम साढ़े सात बजे बच्चियों ने खाना खाया। इसके बाद 35-36 बच्चियां नीचे रह गईं, जबकि 20 स्टूडेंट्स छत पर चली गईं। इस बीच मनोरमा मिश्रा और गोल्डी कटियार नाम की टीचर छत पर मौजूद स्टूडेंट्स के पास पहुंचीं और अपना तबादला होने की बात बताई। स्टूडेंट्स को भड़काने की कोशिश की और छत के दरवाजे पर कुंडी लगाकर नीचे उतर आईं। काफी देर जब कुंडी नहीं खुली तो बच्चियां परेशान होने लगीं।
पुलिस में छुड़ाया
जिसके बाद सभी स्टूडेंट्स के रोने और शोर मचाने के बाद पता चला कि सभी को छत पर कैद किया गया है। स्कूल स्टाफ और आसपास के गांव वालों की सूचना पर पुलिस ने स्टूडेंट्स को छुड़ाया। बीएसए भी मौके पर पहुंची। कस्तूरबा स्कूल में रात करीब दो बजे तक हंगामा होता रहा। स्टूडेंट्स को छुड़ाने के बाद जिला समन्वयक सर्व शिक्षा रेनू श्रीवास्तव ने दोनों टीचरों के खिलाफ नीमगांव थाने में तहरीर दी।
बैठाई गई जांच टीम
इस मामले को पुलिस ने दर्ज कर लिया है। टीचर्स पर बच्चियों की सुरक्षा खतरे में डालने, उन्हें भड़काने, वार्डन से गाली गलौज करने का आरोप है। इस के आलावा, बीएसए ने भी चार सदस्यीय जांच टीम बनाई गई है।
बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय का कहना है कि टीचरों ने अपना तबादला रुकवाने के लिए छात्राओं को अपनी ढाल बनाया था। दोनों टीचरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। साथ ही चार सदस्यीय टीम की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद टीचरों की सेवा को खत्म करने के लिए नोटिस जारी की जाएगी।
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