हजारीबाग के रुपेश पांडेय केस में गिरफ्तारी हुई, लेकिन न्याय का इंतजार अब भी
झारखंड के हजारीबाग के बरही में रुपेश पांडेय मौत मामला सुलझता नहीं दिख रहा है। मौत के बाद हजारीबाग में तनाव बढ़ गया है। जिसके बाद इलाके में धारा 144 लागू कर दिया गया है.. साथ ही पुलिस प्रशासन ने फ्लैग मार्च निकाला है। इस बीच पीड़ित परिवार से पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने मुलाकात की और सांत्वना दी। रुपेश पांडेय के परिवारवालों ने झारखंड सरकार से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इसके साथ ही न्याय के लिए सैंकड़ों लोगों ने कैंडल मार्च भी निकाला।
घटना 8 फरवरी की है जब सरस्वती पूजा के मूर्ति विसर्जन कार्यक्रम के दौरान दो गुटों में हिंसा हुई जिसमें 17 साल के एक युवक रुपेश पांडे की हत्या हो गई इसके बाद मामले ने सांप्रदायिक रंग पकड़ लिया और पूरे इलाके में तनाव फैल गया। मृतक युवक रुपेश के शव को लेकर परिवार वालों ने सड़क जाम किया इस दौरान लोगों ने जमकर नारेबाजी की। कई गाड़ियां फूंंक डाले तो प्रशासन भी सतर्क हुआ 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया जबकि 27 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और बरही थाना क्षेत्र के अंदर धारा 144 लागू कर आस पास के इलाकों में इंटरनेट सेवा को दो दिन तक बैन कर दिया गया ताकि धार्मिक उन्माद को फैलने से रोका जा सके।
लेकिन प्रशासन की सख्ती के बावजूद मामले ने सांप्रदायिक रंग पकड़ लिया क्योंकि इसमें नेताओं की एंट्री हो गई…पहले तो यहां के स्थानीय विधायक ने युवक की मौत पर सवाल उठाते हुए एक सांप्रदाय पर आरोप जड़ दिया।
इसके बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने भी मामले पर ट्वीट करते हुए राज्य सरकार को घेरा तो वहीं बीजेपी नेता रघुवर दास भी मृतक के परिजनों से मिलने पहुंचे और घटना को मॉब लिंचिंग बताते हुए इसे जिहादी रंग देकर हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा इघर घटना में मारे गए युवक के परिजन हत्यारों को पकड़ने के लिए लगातार धरना कर रहे हैं और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। रुपेश की हत्या के बाद जगह जगह कैंडिल मार्च निकाला जा रहा है सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है तो कई हिंदुवादी संगठन भी सामने आ गए हैं जो प्रदेश सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा रहे हैं।
फिलहाल झारखंड पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है और लोगों से अफवाहों पर ध्यान ना देने के साथ संयम और सतर्क रहने की अपील करते हुए शांति बहाल की कोशिशों में लगी है