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Parking Ghotala In Capetown: केपटाउन सोसाइटी में पार्किंग घोटाला! AOA की चुप्पी पर उठे सवाल। ड्राइव-वे को पार्किंग बनाया

Written By: गली न्यूज

Published On: Saturday July 30, 2022

Parking Ghotala In Capetown: केपटाउन सोसाइटी में पार्किंग घोटाला! AOA की चुप्पी पर उठे सवाल। ड्राइव-वे को पार्किंग बनाया
Parking Ghotala In Capetown: गौतमबुद्ध नगर के नोएडा स्थित सुपरटेक केपटाउन सोसाइटी में महंगे मेंटेनेंस का चार्ज झेल रहे रेजिडेंट्स अब एक नई समस्या से दो-चार हो रहे हैं। ये समस्या है अवैध पार्किंग की सेल की।
क्या है मामला ?

चौंकिए मत, यही हकीकत नजर आ रहा है। सोसाइटी के व्हाट्सएप ग्रुप और अलग-अलग सोशल मीडिया पर रेजिडेंट्स ने आरोप लगाया है कि बिल्डर सुपरटेक और मेंटेनेंस एजेंसी वायजी एस्टेट मिलकर रेजिडेंट्स का ना केवल चूना लगा रही है बल्कि ड्राइव-वे की जगह को भी पार्किंग (Parking Ghotala In Capetown) में बदलकर मोटी रकम कमा रही है।

रेजिडेंट्स के आरोप

https://gulynews.com को मिली जानकारी के मुताबिक सोसाइटी में रहने वाले गौरव अरोड़ा ने बकायदा इसके बारे में तस्वीर के साथ ट्वीट किया है और बिल्डर सुपरटेक और मेंटेनेंस एजेंसी वायजी एस्टेट पर गंभीर आरोप लगाते हुए केपटाउन की एओए पर भी सवाल खड़े किए हैं। @caoetownjanta के ट्विटर आईडी से ट्वीट करते हुए लिखा है कि केपटाउन एओए की मिलीभगत से ड्राइववे पर कार पार्किंग बनाकर बेचा गया।

सोसाइटी के ही मनोज पाठक ने भी इस बारे में कुछ फोटो शेयर करते हुए लिखा है कि 27 जुलाई तक यह ड्राइव-वे था लेकिन अब इसे पार्किंग में बदल दिया गया है। मनोज पाठक ने कुछ तस्वीरें भी पोस्ट की है।इन तस्वीरों से यह साफ है कि पहले यहां ड्राइव-वे था लेकिन अब इसे पार्किंग बना दिया गया है।

सोसाइटी में रहने वाले नीरज शर्मा ने भी इस पर रिएक्शन दिया है और एओए की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया है। नीरज शर्मा लिखते हैं कि “एओए की चुप्पी बताती है कि बेइमानी सिर चढ़कर बोल रहा है और सोसाइटी की व्यवस्था से इस मक्कार एओए का कुछ भी लेना देना नहीं है।

AoA की चुप्पी पर सवाल

चौंकाने वाली बात यह है कि व्हाट्सएप ग्रुप पर रेजिडेंट्स की कमेंट और सबूत के बाद भी मेंटेनेंस एजेंसी वायजी एस्टेट के साथ-साथ केपटाउन एओए ने चुप्पी साध रखी है। अबतक केपटाउन एओए की ओर से व्हाट्सएप ग्रुप में कोई रिएक्शन तक नहीं आया है।

आपको बता दें कि सोसाइटी में एक-एक पार्किंग 4 से 5 लाख रुपये में बिकती है। इस हिसाब से अगर बिल्डर ने 20 अवैध पार्किंग भी बेच दी तो करोड़ों के वारे न्यारे हो जाते हैं। माना जा रहा है कि पैसे की लालच में ही बिल्डर और मेंटेनेंस एजेंसी इस तरह का अवैध काम कर रही है। अब सोसाइटी के लोग इस मामले पर अथॉरिटी का दरबाजा खटखटाने का मन बना रहे हैं।

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