Illegal Encroachment: अवैध निर्माण को लेकर एनजीटी ने यूपी सरकार को भेजा नोटिस, प्राधिकरण पर भी फूटा गुस्सा
Illegal Encroachment: दिल्ली एनसीआर के आसपास के इलाकों में अवैध निर्माण कार्य धड़ल्ले से चल रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने यूपी सरकार, नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सहित कई बिल्डरों को नोटिस जारी किया है। इन सभी से दो महीने के भीतर जवाब मांगा गया है। बताया जा रहा है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में धड़ल्ले अवैध निर्माण हो रहा है। बिना किसी स्वीकृति के टॉउनशिव, विला और कॉलोनियां काटी जा रही है। जिसके चलते एनजीटी ने नोटिस जारी किया है।
क्या है पूरा मामला
बतादें, वकील आकाश वशिष्ठ (Illegal Encroachment) ने बताया कि एनजीटी ने हाल ही में यूपी सरकार, नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कई अन्य केंद्रीय/राज्य सार्वजनिक प्राधिकरणों और बिल्डरों (सैमटेल एन्क्लेव, द्वारका सिटी) को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही सहारा सिटी ग्रेटर नोएडा और नोएडा में विला, टाउनशिप, कॉलोनियों, दुकानों, घरों आदि के व्यापक और बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध कार्य को लेकर कार्रवाई की है। याचिका में इन सभी से 2 महीने के भीतर जवाब मांगा है।
ग्रेटर नोएडा के 56 और नोएडा के 18 गांवों में अवैध निर्माण
इस मामले में वकील आकाश वशिष्ठ द्वारा दायर याचिका में विस्तार से बहस की गई है, जिसमें ग्रेटर नोएडा के 56 गांवों और नोएडा के 18 गांवों के अलावा कई अन्य गांवों का नाम लिया गया है, जहां प्रावधानों का पूरी तरह से उल्लंघन करते हुए अवैध कॉलोनियां और टाउनशिप बनाई जा रही हैं। इस दौरान वायु अधिनियम और जल अधिनियम की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। किसी भी बिल्डर के पास जिला भूजल प्रबंधन परिषद या उसके साथ पंजीकृत बोरवेल से कोई एनओसी नहीं है। याचिका में कहा गया है कि इसके अलावा, किसी के भी पास अपनी ले-आउट योजना जीएनआईडीए द्वारा अनुमोदित नहीं है, भूमि-उपयोग रूपांतरण नहीं किया गया है और कोई भी जीएनआईडीए मास्टर प्लान के तहत क्षेत्र के भूमि-उपयोग के अनुरूप नहीं है।
यह भी पढ़ें…
Authority Took Action: नोएडा बनेगा नंबर वन शहर, सीईओ ने करली तैयारी…अधिकारियों को दिए निर्देश
एसडीएम की मंजूरी के बिना हो रहा निर्माण कार्य
याचिका में दावा किया गया है कि किसी भी व्यक्ति या बिल्डर ने एसडीएम से मंजूरी नहीं ली है। अवैध रूप से निर्माण कार्य कराया जा रहा है। कृषि भूमि का उपयोग आवासीय, वाणिज्यिक या औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है या किया जाना प्रस्तावित है। इसमें कहा गया है कि ग्रेटर नोएडा में 20000 हेक्टेयर से अधिक उपजाऊ कृषि योग्य भूमि को हड़प लिया गया है, जबकि नोएडा में 20000 हेक्टेयर से अधिक भूमि का उपयोग अवैध प्लॉटिंग के लिए किया जा रहा है।