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IAS Anurag: ग्रेजुएशन में फेल होने वाला स्टूडेंट कैसे बना IAS रैंकर, इनकी कहानी अपने बच्चों को जरूर बताएं

Written By: गली न्यूज

Published On: Tuesday August 9, 2022

IAS Anurag: ग्रेजुएशन में फेल होने वाला स्टूडेंट कैसे बना IAS रैंकर, इनकी कहानी अपने बच्चों को जरूर बताएं

IAS Anurag:  उस दिन यूपीएससी के नतीजे आए थे। सभी परिक्षार्थी की तरह अनुराग को अभी अपना रिजल्ट जानने की उत्सुकता थी। अनुराग ने नतीजे देखे और फिर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, इस बार उन्होंने ना केवल यूपीएससी की परीक्षा पास की थी बल्कि उन्हें मनचाहा ग्रेड भी मिल गया था। यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास कर अनुराग और उनके परिवार के सभी सदस्य बेहद खुश थे।

IAS अनुराग का बैकग्राउंड

आठवीं तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम से करने वाले अनुराग (Ias Anurag) मूल रुप से बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले है। कटिहार (Katihar, Bihar) में ही रहकर उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई की, उनके लगन का ही यह नतीजा था कि 10वीं,12वीं में अच्छे नंबर आए। इन नतीजों ने ही अनुराग के अंदर में नया विश्वास भरा और वो यूपीएससी जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा के लिए खुद को तैयार कर सके।

Ias Anurag
Ias Anurag
कहां से की पढ़ाई ?

ऐसा नहीं था कि अनुराग पढ़ने में बहुत तेज थे, लेकिन मेहनत करने से वो कभी पीछे नहीं हटे। कटिहार में शुरूआती पढ़ाई के बाद अनुराग ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन किया और यहीं से IAS बनने की प्रेरणा जगी। लेकिन यह सब अनुराग के लिए आसान नहीं था। आईएएस बनने के लिए अनुराग ने कई की साल मेहनत की। इस मेहनत का ही नतीजा था कि अनुराग ने इस परीक्षा को क्रैक किया। पढ़ने में साधारण रहे अनुराघ के लिए एक समय इतना बुरा था कि वे ग्रेजुएशन के दौरान कई सब्जेक्ट में फेल हो गए। जैसे-तैसे ग्रेजुएशन कंप्लीट कर अनुराग ने पोस्ट ग्रेजुएशन में दाखिला लिया।

कैसे बने IAS रैंकर

पीजी की पढ़ाई के साथ-साथ ही अनुराग ने खुद को यूपीएससी के लिए तैयार किया। पूरे लगन और जज्बे के साथ अनुराग इस काम में जुटे । इस मेहनत का ही यह नतीजा था कि अपने पहले प्रयास में ही अनुराग को सफलता मिली और उन्होंने यूपीएससी जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा पास कर ली। हालांकि अनुराग का रैंक कम आया। लिहाजा वो अपनी रैंक से संतुष्ट नहीं थे। पहले प्रयास में अनुराग का रैंक 677 था। लिहाजा उन्हें मनचाहा कैटगरी नहीं मिल सका। पहले अटेंप्ट में यूपीएससी क्रैक करने के बाद अनुराग पढ़ाई पर फोकस करते रहे। फिर से कड़ी मेहनत की और तैयारी जारी रखी। और फिर साल 2018 में अनुराग ने एक बार फिर यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा को पास किया, इस बार उनकी रैंक में जबरदस्त सुधार हुआ । 2018 में अनुराग को 48वीं रैंक हासिल हुई और इसी के साथ उन्हें मनचाहा पद मिल गया। अनुराग अब आईएएस कुमार अनुराग हैं।
अनुराग की कहानी इसलिए बेहद अहम है क्योंकि इनके जीवन से हजारों लोगों को नई राह मिल सकती है। कहते हैं कि असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो। क्या कमी है देखो और सुधार करो। इसी फॉर्मूले पर चलकर कुमार अनुराग से अनुराग आईएएस कुमार अनुराग बन गए

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