April 18, 2024, 7:47 am

एक और बीमारी का बढ़ा खतरा। इसमें तेज बुखार के बाद नाक से बहता है खून। WHO ने चेताया।

Written By: गली न्यूज

Published On: Monday May 30, 2022

एक और बीमारी का बढ़ा खतरा। इसमें तेज बुखार के बाद नाक से बहता है खून। WHO ने चेताया।

Crimean-Congo hemorrhagic fever: कोरोना महामारी के बीच इराक में एक दूसरी बीमारी ने कोहराम मचा रखा है. इस बीमारी में लोगों को पहले तेज बुखार आता है और उसके बाद नाक से खून बहना ( Bleeding from nose) शुरू हो जाता है. यह बीमारी यहां लोगों की मौतों का कारण बन रही है. इस बीमारी का नाम ‘क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार’ (Crimean-Congo hemorrhagic fever) है. जिसके कारण कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. WHO के मुताबिक, इराक में क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार नामक बीमारी के अभी तक 111 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 19 लोगों की मौत हो चुकी है.

इराक के ग्रामीण इलाकों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है, देश के आधे मामले अकेले दक्षिणी प्रांत में दर्ज किए गए हैं. डॉक्टरों के अनुसार, बुखार का वायरस आंतरिक और बाहरी दोनों तरह और विशेष रूप से नाक से गंभीर रक्तस्राव (Bleeding) का कारण बनता है. हर 2 से 5 मामलों में लोगों की मौत हो जाती है.

जानकारी के मुताबिक इस वर्ष Crimean-Congo hemorrhagic fever मामलों में बढ़ोतरी ने अधिकारियों को झकझोर दिया है, क्योंकि यह संख्या पिछले वर्ष दर्ज किए गए संख्या 43 से कहीं अधिक है. बता दें कि यह वायरस पहली बार 1979 में इराक में दर्ज किया गया था.

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, यह बीमारी (CCHF) टिक (एक तरह का कीड़ा) जनित वायरस के संक्रमण के कारण होती है. यह रोग पहली बार 1944 में क्रीमिया (Crimea) में पाया गया था और इसे क्रीमियन रक्तस्रावी बुखार नाम दिया गया था. इसे बाद में 1969 में कांगो में बीमारी के कारण के रूप में मान्यता दी गई, जिसके परिणामस्वरूप बीमारी का वर्तमान नाम बन गया.

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WHO ने कहा कि संक्रमित टिकों के काटने (tick bites) से जानवर संक्रमित हो जाते हैं. CCHF वायरस या तो टिक के काटने या संक्रमित जानवरों वध के दौरान खून या ऊतकों के संपर्क में आने से लोगों में फैलता है. WHO के अनुसार, CCHF की मौत 10 से 40 प्रतिशत के बीच है. इस वायरस का कोई टीका नहीं है.

WHO का कहना है कि यह वायरस जानवरों पर टिक के माध्यम से लोगों को में फैलता है, इसलिए ज्यादातर मामले किसान, बूचड़खानों और पशु चिकित्सकों के बीच होते हैं. इसके बाद खून, अंग या शरीर के किसी तरल पदार्थ के निकट संपर्क में आने से यह इंसानों से इंसानों में फैलता है. यह वायरस अनियंत्रित रक्तस्राव के साथ, तेज बुखार और उल्टी (Vomiting) का कारण बनता है.

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