April 24, 2024, 12:58 am

Pitru Paksha 2023: आज से शुरू पितृपक्ष, भूल कर भी न करें ये काम….

Written By: गली न्यूज

Published On: Thursday September 28, 2023

Pitru Paksha 2023: आज से शुरू पितृपक्ष, भूल कर भी न करें ये काम….

Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष पितरों को समर्पित है। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है। पंचांग के अनुसार पितृपक्ष की शुरुआत भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से होती है और अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर इसका समापन होता है। पितृपक्ष यानी श्राद्ध का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों को श्रद्धापूर्वक याद करके उनका श्राद्ध कर्म किया जाता है। पितृपक्ष में पितरों को तर्पण देने और श्राद्ध कर्म करने से उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दौरान न केवल पितरों की मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाता है, बल्कि उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट करने के लिए भी किया जाता है। पितृपक्ष में श्रद्धा पूर्वक अपने पूर्वजों को जल देने का विधान है। ऐसे में चलिए जानते हैं तर्पण विधि, नियम, सामग्री और मंत्र के बारे में…

कब से शुरू हो रहा है पितृपक्ष 2023 ?

पितृपक्ष (Pitru Paksha 2023) की शुरुआत इस साल 29 सितंबर 2023 से हो रही है। इसका समापन 14 अक्तूबर को होगा। इसकी प्रतिपदा तिथि आज दोपहर 3 बजकर 26 मिनट से 30 सितंबर की दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक रहेगी

पितृपक्ष में पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध और दान का महत्व

पितृपक्ष का समय पितरों के निमित्त पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध और दान आदि करने के लिए होता है. वैसे तो इस समय कोई भी नई वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए. लेकिन जानते हैं ऐसी चीजों के बारे में जिसे पितृपक्ष में खरीदना अशुभ माना जाता है.

क्या न करें

कपड़े:  पितृपक्ष में नए कपड़े नहीं खरीदने चाहिए. क्योंकि पितृपक्ष में खरीदी गई वस्तुएं पितरों को समर्पित होती है. ऐसे में उन वस्तुओं पर पितरों या प्रेतों का अंश हो सकता है. किसी जीवित मनुष्य के लिए इन चीजों का उपयोग करना सही नहीं है. इसलिए पितृपक्ष में नए कपड़े की खरीदारी करना वर्जित होता है.

गहने: पितृपक्ष में सोने-चांदी के आभूषण भी नहीं खरीदने चाहिए. यदि आपको इन चीजों का आवश्यकता है तो आप पितृपक्ष शुरू होने से पहले या बाद ही इसे खरीदें.

नया वाहन या घर: पितृपक्ष में नया वाहन या मकान भी खरीदना शुभ नहीं माना जाता है. लेकिन अगर आप पितृपक्ष में पिंडदान, तर्पण आदि कर पितरों को प्रसन्न रखते हैं तो इन चीजों की खरीदारी पर कोई मनाही नहीं है. क्योंकि पितर भी अपने वंश की उन्नति से प्रसन्न होते हैं.

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